आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में विधानसभा की सगड़ी की सीट पर नए चेहरे को उम्मीदवार बनाए जाने के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के फैसले को लेकर यहां सपाई बौखला गए है। लम्बे अर्से से जमीन पर पसीना बहाने वाले बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए यहां उम्मीदवार आंख की किरकिरी बन गया है। इसीलिए चुनावी दंगल में पार्टी के प्रत्याशी अपने ही लोगों के भितरघात के भंवर जाल में फंस गए है। सपा के कई दिग्गज पार्टी के लिए बागी भी होते दिख रहे हैं, जिससे अबकी बार अखिलेश यादव के मिशन-2022 को तगड़ा झटका लग सकता है।
भितरघात से बिगड़ेगा जातीय समीकरणों का खेल?
सपा के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि आजमगढ़ जिले की सगड़ी सीट पर ऐसे उम्मीदवार बनाए गए है, जिन्होंने क्षेत्र में कभी अपना कदम भी नहीं रखा था। जो लोग पार्टी के लिए लम्बे समय से पसीना बहाकर गांव-गांव में संगठन को खड़ा किए हैं, उन्हीं को टिकट मांगने पर ठेंगा दिखाया गया है। बताया कि आजमगढ़ की सगड़ी सीट से डॉ. एच. एन. सिंह कभी भी राजनीति में नहीं रहे हैं। इनका कोई जनाधार भी नहीं है, फिर भी चुनाव मैदान में उन्हें उतारा गया है।