गोरखपुर।
गुम हो रहे लोकगीतों की स्वरलहरी शहर की फिजा में आज बिखरेगी। कानों में मिठास घोलती लोक गायकों की आवाज भोजपुरी लोक परंपरा के संरक्षण और संवर्धन का तान छेड़ेगी। कार्यक्रम के संयोजक एवं भाई के क्षेत्रीय निदेशक राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि गायकों ही नहीं श्रोताओं के लिए यह एक मौका है कि वे अपनी परंपरा को जानें और समझें। हम इस कार्यक्रम के जरिए प्रतिभावान गायकों को अपनी संगीत परंपरा को सीखने जानने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
साथ ही उन्हें यह भी समझाना चाहते हैं कि पारंपरिक लोक संगीत भी उनके लिए सफलता के दरवाजे खोल सकता है। रियलिटी शो में गोरखपुर ही नहीं पूर्वांचल और बिहार के भी लोक गायक शिरकत करेंगे। भाई के मंच से पूरबी, चैता, फगुआ, खिलौना, कजरी, सोहर, झुमर, नकटा, हल्दी गीत, संझा पराती आदि भोजपुरी के लोकगीतों से लोग रूबरू हो सकेंगे।
- इन्द्रजीत मौर्य
- भोजपुरी लोक गायक, गोरखपुर, उ.प्र.
- वीरसेन सुखी (राजपूत)
- भोजपुरी लोक गायक, महराजगंज, उ.प्र.
- साक्षी श्रीवास्तव
- भोजपुरी लोक गायिका, संतकबीरनगर, उ.प्र.
- अंजना तिवारी
- भोजपुरी लोक गायिका, देवरिया, उ.प्र.
- विरजू बादल
- भोजपुरी लोक गायक, गोरखपुर, उ.प्र.