- कथा को सुनकर भाव विभोर हुए श्रद्धालु
- कथा के छठे दिन उमड़ पड़ा जनसैलाब
बासगांव , गोरखपुर_ स्थानीय विकासखंड बासगाव के ग्राम किशुनपुर उर्फ बगही मे शिव मन्दिर पर चल रही श्रीराम करा के छठ्वे दिवस में कथा व्यास आचार्य श्री धीरज कृष्ण जी महराज ने कहा कि रामकथा का आनंद तभी है, जब वक्ता और श्रोता दोनों सुर, लय, ताल मिलाकर कथा का रसपान करें। प्रेम प्रकट हो जाए तो परमात्मा खुद प्रकट हो जाएंगे। प्रेम के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है। आचार्य धीरज कृष्ण जी ने कहा रामकथा का महत्व हमेशा से है और आगे भी रहेगा। यह भगवान की लीला, चरित्र व गुणों की गाथा है। इसके श्रवण और कथन के प्रति हमेशा एक नवीनता का भाव बना रहता है भगवान राम, लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न के चरित्र में प्रदर्शित त्याग और तपस्या की बातों को निरंतर श्रवण करते रहने से सुनने वाले के अंदर भी ऐसे ही महान गुणों का समावेश हो जाता है। कलाकारों ने मनमोहक झांकी निकालकर श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर किया। कथा व्यासपीठ का पूजन-अर्चन ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अनूप पाण्डेय, विकास पाण्डेय उर्फ विजय पाण्डेय, ई.रुद्राश पाण्डेय , चिन्तामणि पाण्डेय,मानवेंद्र पाण्डेय,विजय उर्फ विकास पाण्डेय,अमर पाण्डेय,अतुल पाण्डेय, कुलदीप पाण्डेय,संदीप उपाध्याय, प्रवेश उर्फ सोनल पाण्डेय, सुधीर पाण्डेय,प्रिन्स उपाध्याय, कर्तिकेय पाण्डेय, विशाल उर्फ शन्नी, राहुल पाण्डेय,अखिलेख पाण्डेय, जितेन्द्र सिंह, चन्दमौल ,प्रशान्त उर्फ अभय पाण्डेय, निखील शुक्ला,शुभम ,साहिल, महराज प्रभाकर दास जी ने किया।