शव को लेकर गगहा सीएचसी पहुंचे पिता ने पुलिस को दी सूचना, ‘ साहब मेरे बच्चे की हो गई है हत्या
तहसील संवाददाता- नरसिंह यादव, बांसगांव, गोरखपुर
गगहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रविवार सुबह को लगभग डेढ़ वर्ष के बच्चे का शव लेकर पहुंचे पिता को जब डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा मृत हो चुका है तो उसने पुलिस को फोन करके बताया कि उसके बच्चे की हत्या हुई है। गगहा सीएचसी पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बच्चे का नाम कार्तिकेय सोनकर, उम्र डेढ़ वर्ष बताया जा रहा है। बच्चे के पिता का नाम सोनू सोनकर और मां का नाम मुस्कान सोनकर है। मामले की गुत्थी को लेकर पुलिस उलझी हुई नजर आ रही है।
जानकारी के मुताबिक, गगहा के कड़हाचक के मूल निवासी सोनू सोनकर(32) की शादी भलुवान के मुस्कान(28) से सन् 2019 में हुई थी। बेटे कार्तिकेय के जन्म के बाद से ही सोनू अपनी पत्नी और बच्चे के साथ अपने ससुराल जगदीशपुर भलुवान में रहता था। सूत्रों की माने तो सोनू शराब पीने का आदी था। आए दिन पति पत्नी में वाद विवाद हुआ करता था। बच्चे की मौत के बाद से गांव में तरह-तरह की बात की चर्चा हो रही है। आस पास के लोगों का कहना है कि पति पत्नी के बीच आए दिन किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ करता था। विवाद बढ़ने पर आपस में मार पीट करते थे और बच्चे को भी बुरी तरह पीटते थे। कुछ का कहना है कि शनिवार को भी पति-पत्नी के बीच में झगड़ा हुआ था और रात को सोनू बच्चे को लेकर घर से भाग गया था। हालांकि सोनू और उसकी पत्नी मुस्कान का आरोप है कि पड़ोस में रहने वाले कुछ लोगों ने रंजिश के तहत बच्चे की हत्या की है। मुस्कान का आरोप है कि शनिवार रात को बच्चा उसके बगल में सोया था। लेकिन सुबह उठने पर जब बच्चा नहीं मिला तो परिजन ढूंढने लगे। आरोप है कि गांव के बगीचे में बच्चे का शव मिला। उसका का कहना है कि बच्चे को बेहोश समझकर वह अपने पति को लेकर गगहा सीएचसी पर पहुंची थी। थाना अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह का कहना है कि प्रथम दृष्टि मामला पति-पत्नी के बीच चल रहे झगड़े को लेकर घटना की बात सामने आ रही है। बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। अभी कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई। फॉरेंसिक टीम की भी मदद ली जा रही है।
पुलिस सक्रिय रहती तो बच सकती थी बच्चे की जान-
बच्चे की मां मुस्कान का कहना है कि लगभग 5 दिन पहले भलवान में पड़ोसियों से जान का खतरा होने की शिकायत को लेकर वह गगहा थाने गई थी। लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और उसे वाद विवाद होने पर 112 नंबर पर फोन करने की बात कह कर घर भेज दिया। हालांकि थाना अध्यक्ष गगहा अरविंद सिंह ने इस आरोप को निराधार बताया है।