गोरखपुर।पुस्तकालय मानव के ज्ञान और संस्कृति संभ्यता का लिखित दस्तावेज होता है।मनुष्य द्वारा संचित ज्ञान पुस्तको में निहित होता है । जिसका उपयोग आने वाली नई पीढ़ियों को मिलता है।
उक्त बातें सदर सांसद रवि किशन शुक्ला ने कही। वह रविवार को उनवल,वार्ड -7 में दृष्टि पुस्तकालय के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। आगे कार्यक्रम में सांसद ने कहा कि मनुष्य का शरीर नश्वर है। उसके द्वारा निर्मित ज्ञान यदि पुस्तकों में संचित न हो तो उसके ज्ञान का फायदा किसी को नहीं मिल सकता है। बिना पुस्तक के शिक्षा ही नहीं दी जा सकती है।
हमारे इतिहास में क्या घटित हुआ है और आज जो घट रहा है सब पुस्तक में लिखित तौर पर दर्ज किया जाता है। मानव आदि काल से विचार परक था। अपनी सभ्यता और संस्कृति को भोज पत्र, शिलापट्ट आदि से प्रकट करता था। आज जो हम सबको मिला है। वह लिखित दस्तावेज का फल है। पुस्तक के परोपकार की प्रशंसा हजार मुखों से नहीं की जा सकती है।
कार्यक्रम में उपस्थित सहजनवां विधायक प्रदीप शुक्ला ने कहा कि पुस्तकें मानव जीवन में एक अभिभावक की भूमिका निभाती है। पुस्तकों के बिना ज्ञान अर्जित नही किया जा सकता है। नगर पंचायत अध्यक्ष महेश कुमार दूबे ने भी पुस्तकों की महिमा का गुणगान किया।
इस दौरान संस्थापक सन्नी कुमार राव, विशाल शर्मा, चंदन यादव, रणविजय यादव,शिवकुमार शाह(सांसद प्रतिनिधि) राघवेंद्र राम त्रिपाठी, रामनाथ, चंदन त्रिपाठी,दिलीप यादव, रामबुझारत पासवान,राकेश तिवारी ऋषिकेश जायसवाल, तरंग यादव(प्रधान), इन्द्र कुमार निगम,,सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
