देवरिया, उत्तर प्रदेश– भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की तकनीकी सफलताओं की कहानी में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। यह अध्याय पूर्वांचल के देवरिया जिले से शुरू हो रहा है, जहां ISRO ने एक अत्याधुनिक अर्थ स्पेस सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई है। यह केंद्र न केवल उत्तर प्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का प्रतीक बनेगा।
देवरिया का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट यूपी के दूसरे और भारत के सातवें अर्थ स्पेस सेंटर के रूप में उभरेगा। ISRO के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने देवरिया जिले के सोनू घाट क्षेत्र में 20 एकड़ जमीन का गहन सर्वेक्षण किया है। सर्वेक्षण के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि यह भूमि अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। देवरिया, जो अब तक अपनी सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता था, अब वैज्ञानिक उपलब्धियों के मामले में भी अपनी पहचान बनाने जा रहा है। देवरिया के निवासी गर्व से भरे हुए हैं, क्योंकि यह स्पेस सेंटर क्षेत्र के विकास में एक नई क्रांति लाएगा। रोजगार के नए अवसर, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार, और तकनीकी उन्नति की उम्मीदें अब सभी की नजरों में हैं।
यह केंद्र देश में हो रही नई अंतरिक्ष परियोजनाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा। स्पेस सेंटर का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की सतह का अध्ययन, जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और पृथ्वी के वातावरण से संबंधित अन्य अनुसंधान कार्यों में योगदान देना होगा। देवरिया में स्थापित होने वाला यह सेंटर न केवल देश की विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि पूर्वांचल अब वैज्ञानिक प्रगति के मामले में भी अग्रणी रहे।
इसरो का यह सेंटर स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति देगा। रोजगार के नए अवसरों के साथ-साथ छोटे और मध्यम उद्योगों को भी यहां से बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, देवरिया में तकनीकी शिक्षा के नए केंद्र और प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। स्थानीय युवा अब न केवल रोजगार की तलाश में महानगरों की ओर रुख करेंगे, बल्कि उन्हें अपने जिले में ही उच्च गुणवत्ता की नौकरियों के अवसर प्राप्त होंगे। इससे न केवल जिले की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि पूरे पूर्वांचल में विकास की एक नई लहर दौड़ जाएगी। सोनू घाट का क्षेत्र अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पहले से ही प्रसिद्ध है। अब, यहां के शांत और हरे-भरे वातावरण में एक और खासियत जुड़ने जा रही है – विज्ञान का संगम। यह स्पेस सेंटर सोनू घाट के आसपास के क्षेत्रों को भी पर्यावरणीय दृष्टि से और भी समृद्ध बनाएगा। स्पेस सेंटर के आस-पास की भूमि और पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी विशेष कदम उठाए जाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह परियोजना पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखते हुए आगे बढ़े।
इस महत्वपूर्ण परियोजना को मूर्त रूप देने में सांसद शशांक मणि की भूमिका अत्यधिक सराहनीय है। उन्होंने देवरिया के विकास के लिए लगातार प्रयास किए हैं और इसरो के अधिकारियों के साथ संवाद स्थापित कर इस महत्वाकांक्षी योजना को संभव बनाया है। उनकी दूरदर्शिता और समर्पण ने ही इस पहल को वास्तविकता में बदलने का मार्ग प्रशस्त किया है।शशांक मणि का कहना है, “यह स्पेस सेंटर देवरिया और पूर्वांचल के लिए स्वर्णिम अवसर है। इससे यहां की जनता को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और हमारे युवा वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी क्षेत्र में अग्रसर होंगे। यह केंद्र उत्तर प्रदेश की वैज्ञानिक उन्नति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” यह परियोजना अभी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन यह पहले से ही पूरे क्षेत्र में उत्साह और गर्व का कारण बन चुकी है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो देवरिया जल्द ही अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाएगा। उत्तर प्रदेश की धरती पर दूसरा अर्थ स्पेस सेंटर स्थापित होना राज्य के लिए गौरव की बात है। यह न केवल प्रदेश के विकास को गति देगा, बल्कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी नए अध्याय लिखेगा। देवरिया के लोग इसरो की इस पहल से खुश हैं और उम्मीद करते हैं कि जल्द ही यह केंद्र कार्यशील होगा और इस क्षेत्र के भविष्य को नए आयाम देगा। इसरो का यह कदम भारत के अंतरिक्ष विज्ञान में एक और मील का पत्थर साबित होगा, और देवरिया का नाम विश्व पटल पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।