हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर 2024 को धूमधाम से मनाया जाएगा। धनतेरस, जिसे ‘धन त्रयोदशी’ भी कहा जाता है, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को विशेष रूप से धन की देवी लक्ष्मी और आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी से घर में सुख, समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है।
पंचांग के अनुसार धनतेरस का मुहूर्त और शुभ समय
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर आरंभ होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। अतः धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा, और इस दिन शाम के समय विशेष पूजा का आयोजन करने से सकारात्मक ऊर्जा और धन का आगमन माना जाता है।
धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में सोना-चांदी, बर्तन और नई वस्त्र खरीदना शुभ माना जाता है। इसे सुख-समृद्धि की कामना के साथ भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी के स्वागत के रूप में देखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन किसी भी प्रकार का नया सामान खरीदने से उस व्यक्ति के जीवन में धन की कमी नहीं होती और उसे धन और स्वास्थ्य का लाभ प्राप्त होता है।
धनतेरस के दिन की परंपराएं और महत्व
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है, जिन्हें आयुर्वेद का जनक और स्वास्थ्य का देवता माना जाता है। इसी मान्यता के आधार पर इस दिन चिकित्सा संबंधी वस्त्र, औषधियों और स्वास्थ्य से जुड़ी वस्तुओं का दान करना या खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। लोग इस दिन नए बर्तन, आभूषण, घर के लिए आवश्यक वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते हैं, जिससे उन्हें साल भर धन और स्वास्थ्य का लाभ मिलता है।धनतेरस पर सोना, चांदी और बर्तन खरीदने का महत्व यह है कि इसे परिवार में सकारात्मकता और लक्ष्मी जी का वास बनाए रखने का प्रतीक माना गया है। इस दिन, व्यापारी अपने व्यवसाय के विकास के लिए भी नए खाता-बही का शुभारंभ करते हैं, जिससे उनका व्यापार उन्नति की ओर अग्रसर होता है।
पूजा-विधि और विशेष मंत्र
धनतेरस की शाम को दीप जलाकर भगवान धन्वंतरि, लक्ष्मी जी, और कुबेर जी की पूजा करने का विधान है। घर के मुख्य द्वार और पूजा स्थल पर दीप जलाने से परिवार के सभी सदस्यों पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। यह भी कहा जाता है कि दीपावली के पहले दिन धनतेरस पर घर को साफ-सुथरा कर सजाने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
धनतेरस पूजा के लिए निम्न मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ होता है:
ॐ धन्वंतरये नमः
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः
इन मंत्रों के उच्चारण से पूजा में अधिक प्रभाव बढ़ता है और माता लक्ष्मी व भगवान धन्वंतरि की कृपा प्राप्त होती है।
एक समृद्ध जीवन की ओर पहला कदम
धनतेरस के शुभ अवसर पर की गई खरीदारी को पूरे वर्ष की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आस्था, विश्वास और अपने परिवार के प्रति स्नेह प्रकट करने का एक अवसर भी है। इस धनतेरस पर, शुभ मुहूर्त में आभूषण, बर्तन और अन्य सामग्री खरीदकर आप अपने घर में मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर का आह्वान कर सकते हैं। इस धनतेरस, अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर शुभ दीप जलाएं, मां लक्ष्मी का स्वागत करें और अपने जीवन में नए सुख-समृद्धि की शुरुआत करें।