ब्यूरो रिपोर्ट – प्रेम कुमार शुक्ल, अमेठी
बहुचर्चित ‘शिवांक पाठक’ मौत कांड में सीजेएम कोर्ट ने शून्य एफआईआर के प्राविधान पर पेश विधि व्यवस्थाओं को लेकर की टिप्पणी,कोर्ट ने कहा सम्बंधित पुलिस के ऊपर यह है आदेशात्मक,न कि कोर्ट पर
कोर्ट ने अपनी सुनवाई की अधिकारिता क्षेत्र से जुड़े सबूत न उपलब्ध होने की दशा में मृतक शिवांक के पिता शिवप्रसाद पाठक की अर्जी को क्षेत्राधिकार के बिंदु पर सुनवाई कर पोषणीयता के स्तर पर किया खारिज
दिल्ली स्थित न्यायालय में भी एफआईआर व जांच सम्बन्धी अर्जी प्रस्तुत होने के बावत कोई प्रपत्र अभियोगी की तरफ से पत्रावली पर नही था उपलब्ध
पीड़ित पक्ष के मुताबिक दिल्ली पुलिस में सुनवाई न होने पर शव लेकर उन्हें आना पड़ा पैतृक गांव,जहां कूरेभार पुलिस के जरिये भी तीन अगस्त को सुनवाई न होने पर उन्होंने पांच अगस्त को सीजेएम-सुलतानपुर की कोर्ट में दाखिल कर दी थी एफआईआर व जांच आदि की मांग सम्बन्धी अर्जी
पीड़ित पक्ष के मुताबिक सुलतानपुर कोर्ट में एफआईआर दर्ज करने की मांग सम्बन्धी अर्जी पेंडिंग होने की वजह से उनकी ओर से छह अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एफआईआर दर्ज करने पर नहीं बल्कि री-पोस्टमार्टम आदि के मुद्दे पर दिया गया था बल
दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस के जरिये भेजी गई बिसरा जांच व अन्य कार्यवाहियां पेडिंग होने की दशा में उस समय मामले में कोई अन्य आदेश देना उचित न समझते हुए मृतक के भाई इशांक की याचिका को कर दिया था निस्तारित
वहीं सीजेएम कोर्ट ने पुलिस के जरिये बताई जा रही 174 दंड प्रक्रिया संहिता की कार्यवाही से 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के प्रार्थना पत्र पर कोई प्रभाव न होने की बात को स्पष्ट करते हुए मामले में मात्र पोषणीय न होने की वजह से इस बिंदु पर विस्तृत रूप से नही जरूरी समझा कोई टिप्पणी,कोर्ट ने अर्जी में बताये गये अपराध पर नही बल्कि मात्र घटना स्थल को लेकर अपने सुनवाई के क्षेत्राधिकार से बाहर का प्रकरण होने के चलते अर्जी की है खारिज
अट्ठारह दिन से डीप फ्रीजर में रखी है शिवांक की लाश,परिजनों को है री-पोस्टमार्टम व मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की आश,प्रशासन स्तर पर स्टेप के अलावा उच्च स्तरीय अदालत की भी पीड़ित पक्ष ले सकता है शरण
पीड़ित पक्ष से पेश विधि व्यवस्थाओं के मुताबिक इसी तरीके से एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही से जुड़े केस में पुलिस पर दो लाख रुपये का हुआ था जुर्माना और बाद में जुर्माने के साथ-साथ उच्च स्तरीय अदालत के आदेश पर दर्ज करनी पड़ी थी एफआईआर
सूत्रों की मानें तो डीएम ने री-पोस्टमार्टम के सम्बंध में आवश्यक कार्यवाही को लेकर सीएमओ को दिया है निर्देश,जिसके पश्चात सीएमओ ने आवश्यक प्रपत्र उपलब्ध कराने को लेकर सम्बन्धित विभाग को आदेशित किये जाने सम्बन्धी की है मांग,सूत्रों के मुताबिक डीएम रवीश कुमार गुप्ता ने सीएमओ की मांग पर पुलिस विभाग को भी उचित कार्यवाही का दिया है निर्देश,डीएम के इस निर्देश पर होने वाली कार्यवाही जल्द आ सकती है सामने
उधर राज्य मानवाधिकार ने भी सम्बंधित प्रकरण में प्रकाशित खबर पर स्वतः लिया संज्ञान,दो हफ्ते में डीएम से मांगी गई रिपोर्ट
आयोग ने मामले को प्रथम दृष्टया मानवाधिकार हनन का प्रत्यक्ष उदाहरण प्रतीत होना मानते हुए की सख्त टिप्पणी,दो हफ्ते बाद आयोग के समक्ष पेश होगी पत्रावली
कूरेभार थाना क्षेत्र में मृतक शिवांक पाठक का शव डीप फ्रीजर में 18 दिन से रखकर आरोपी पत्नी समेत अन्य पर कार्यवाही व री-पोस्टमार्टम की मांग से जुड़ा है मामला