ब्यूरो रिपोर्ट – प्रेम कुमार शुक्ल, अमेठी
अमेठी 24 अगस्त 21 | जिला मलेरिया अधिकारी भिखुल्लाह ने बताया कि बेहद ही छोटा सा दिखने वाला मच्छर बहुत ही खतरनाक होता है। इसके काटने से बहुत सारी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
उन्होंने बताया कि बारिश का मौसम आते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। जगह-जगह जलभराव से मच्छर पैदा होते हैं। डेंगू और चिकनगुनिया का मच्छर साफ पानी में और मलेरिया का गंदे पानी में पैदा होता है । ऐसे में सावधानी रखना बेहद जरूरी है | मलेरिया गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है। कंपकपी व ठंड के साथ अचानक बुखार बढ़ना, सिरदर्द इसके लक्षण हैं। इससे बचने के लिए अपने आस-पास पानी का जमाव न होने दें। डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से ही फैलता है, लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें। एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाले इस रोग का प्रभाव मरीज को बुखार होना,सिरदर्द होना,आंखो के पीछे दर्द होना और पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द के रूप में होता है। इससे बचने के लिए मच्छरों से बचें और घर से निकलने से पहले शरीर को पूरी तरह ढंककर रखें। चिकनगुनिया भी मच्छरों से फैलने वाला बुखार है, जिसका संक्रमण मरीज के शरीर के जोड़ों पर भी होता है और जोड़ों में तेज दर्द होता है।
उन्होंने बताया कि बुखार को अक्सर लोग वायरल समझ लेते हैं इससे कभी-कभी डेंगू या मलेरिया के मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है। अगर कुछ भी दिक्कत लगे तो तत्काल अस्पताल पहुँच कर सबसे पहले जांच कराएं। उसके बाद चिकित्सीय परामर्श के अनुसार दवा लें।
जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि डेंगू के संभावित मरीजों की सूचना जिला मलेरिया विभाग को अवश्य दें। डेंगू का पता लगाने के लिए एलाइजा जांच बेहद जरूरी है जिससे डेंगू की पहचान होती है।
मलेरिया व डेंगू से बचने के लिए पानी के सभी बर्तन, टंकी इत्यादि को पूरी तरह ढ़क कर रखें। अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें।तालाबों, कुओं व अन्य जलाशयों आदि में गम्बूजिया मछली डालें जो मच्छर के लार्वा को खा जाती है। कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का ही प्रयोग करें। हैंडपंप के आसपास सीमेंट से पक्का फर्श व नाली बनवाएं। सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान,पशु व पक्षियों के पानी के बर्तन, हौदी को सुखाकर ही पानी भरें।