प्रत्येक ग्राम में फसल अवशेष जलने की घटनाओं को रोकने के लिए ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, लेखपाल एवं वीट कांस्टेबलों को जिम्मेदारी दी गई है

अमेठी

ब्यूरो रिपोर्ट- प्रेम कुमार शुक्ल,अमेठी

अमेठी 11 नवंबर 2021 मुख्य विकास अधिकारी डॉ अंकुर लाठर ने बताया कि फसल अवशेषों को न जलाने व उसके प्रबंधन के संबंध में शासन द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जो प्रदूषण की रोकथाम के लिए अनिवार्य है। इसके लिए प्रत्येक ग्राम में फसल अवशेष जलने की घटनाओं को रोकने के लिए ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, लेखपाल एवं वीट कांस्टेबलों को जिम्मेदारी दी गई है कि पराली को गोवंश आश्रय स्थलों तक पहुंचाए। इसके लिए उन्होंने कहा की गत वर्ष जिन कृषकों के खेत में फसल अवशेष जलाने की घटनाएं सामने आई है उन कृषकों के खेत में पराली संग्रह कर निराश्रित गौशालाओं में रखा जाय, कृषकों के खेत में पराली संग्रह करने हेतु आवश्यक धनराशि की व्यवस्था मनरेगा अथवा वित्त आयोग द्वारा की जाएगी। कृषक के खेत से गौशाला स्थल तक पराली का ढूलान पंचायती राज के अनुरूप किया जाएगा, गौशालाओं में चारा हेतु उपयोग में लाए जाने वाले चारे में कुल मात्रा का 25% पराली चारे की मात्रा को मिश्रित किया जाए, पराली का गौशाला स्थल में पशुओं के बिछावन/चारा/भूसा बैंक के रूप में क्रियान्वित किया जाए। जनपद में पराली दो, खाद लो कार्यक्रम का संचालन बृहद रूप से जनपद में स्थापित गौशाला में अनिवार्य रूप से चलाया जाएगा जिससे कि गौशाला में भंडारित खाद का सदुपयोग इस कार्यक्रम में किया जा सके, जिससे किसानों को खाद भी प्राप्त हो सकेगी। गौशाला में चारे पर होने वाले व्यय भार में कमी आएगी और किसानों के खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी वाह फसल अवशेष प्रबंधन सुचारू रूप से संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि फसल के अवशेष जलाने से हो रहे पर्यावरण को नुकसान तथा शासन के निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों से किए जाने एवं पराली को को आश्रय स्थलों तक पहुंचाने हेतु कृषि विभाग के साथ ही अन्य विभाग के कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है जो इच्छुक किसान द्वारा उपलब्ध कराई जा रही धान की पराली को संबंधित ग्राम के सचिव ग्राम प्रधान लेखपाल व पशुपालन विभाग के स्थानीय कार्मिकों के सहित के सहयोग से कृषि विभाग के कार्मिकों डीटीएम एटीएम प्रचार सहायक ग्रुप सी द्वारा गोवंश आश्रय स्थल तक पहुंचाई जाएगी वह उसकी नियमित सूचना उप कृषि निदेशक कार्यालय को को उपलब्ध कराई जाएगी धान की पराली को गोवंश आश्रय स्थल तक पहुंचाने हेतु कृषि विभाग के प्रत्येक कार्मिक को प्रतिदिन 5 कुंटल लक्ष्य निर्धारित किया गया है इस कार्य में पशुपालन विभाग द्वारा पूर्व समन्वय सभी संबंधित स्थापित किया जाएगा मुख्य विकास अधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि विकासखंड स्तर पर तैनात पशु चिकित्सा अधिकारियों एवं अन्य कार्मिकों की ड्यूटी लगाई जाए इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी साथ ही ऐसा करते हुए पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही भी की जाएग |

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