विनोद यादव महराजगंज आजमगढ़
तिरंगे मे घर पहुंचा शहीद का पार्थिव शरीर,
मातृभूमि की सेवा मे अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमर शहीद का पार्थिव शरीर पुरे सैनिक सम्मान के साथ तिरेंगे मे लिपता हुआ उनके घर पंहुचा |अमर शहीद का पार्थिव जिसभी रास्ते से होकर गुजरा लोगों का हुजूम उनके अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ पड़ा और भारत माता की जय के उद्घोष के अंतिम यात्रा मे शामिल हुआ | उनके अंतिम दर्शनों के लिए राजनीतिक बंधनों को तोड़ते हुए क्षेत्र के नेताओं ने अमर शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए अंतिम यात्रा मे शामिल हुए |
बतादें कि जिले के महराजगंज ब्लाक के महुवी शेरपुर निवासी हरिनारायण तिवारी के बड़े पुत्र विवेक तिवारी मातृभूमि कि सेवा के जज्बे के साथ तीन साल पहले सेना मे भर्ती हुए | इस दौरान उन्होंने कश्मीर मे भी भारत माँ रखा करने के लिए तैनात रहे |विगत सात आठ महीने पहले बांग्लादेश सीमा पर उनकी तैनाती की गयी जहाँ घुसपैठियों से आमने सामने की लड़ाई मे बड़ी बहादुरी के साथ उन्हें पीछे धकेल दिया |घुसपैठियों को खदेड़ते हुए विवेक तिवारी हादसे का शिकार हो भारत माँ के गोद मे हमेशा के लिए सो गए और 28 वर्ष की उम्र मे बहादुरी का परिचायक बन अमर हो गए | विवेक तिवारी की दो वर्ष पहले मनीषा तिवारी के साथ हुई थी जिनसे एक पुत्री धन की प्राप्ति हुई जिसका नाम बड़े लाड़ प्यार से आभा रखा गया जिसकी उम्र लगभग डेढ़ वर्ष है |विवेक तिवारी के पिता एक किसान है और उनकी माता चंदा देवी गृहणी है | पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही परिवार मे कोहराम मच गया |