दिनदहाड़े हुई युवक की हत्या में पिता-पुत्र समेत तीन को उम्र-कैद,कोर्ट ने ठोंका 1.56 लाख का अर्थदंड,एक बरी

अमेठी

 

  • करीब साढ़े सात साल पहले मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र में मनोज ओझा की दौड़ा-दौड़ाकर पिटाई कर गोली मारकर हुई थी हत्या
  • अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय अभय श्रीवास्तव की अदालत ने दोषियों को दी करनी की सजा,जिला शासकीय अधिवक्ता तारकेश्वर सिंह ने की थी अभियोजन पक्ष से पैरवी
  • एफटीसी प्रथम अंकुर शर्मा की अदालत ने हत्यारोपी पति को भी ठहराया दोषी,सजा के बिंदु पर सुनवाई कल

सुल्तानपुर/अमेठी।

पुरानी रंजिश को लेकर दिनदहाड़े गोली मारकर युवक की हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय अभय श्रीवास्तव की अदालत ने पिता-पुत्र समेत तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 52- 52 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं एफटीसी प्रथम अंकुर शर्मा की अदालत ने पत्नी के हत्यारोपी पति रामबहादुर को दोषी करार दिया है, जिसकी सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 24 अगस्त की तारीख तय की गई है।
*पहला मामला* मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के पूरे ओझा बरना गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले गोविंद लाल ओझा ने आठ मार्च 2015 की शाम करीब चार बजे की घटना बताते हुए गांव के ही आरोपीगण शत्रुघ्न सिंह, सुरेंद्र बहादुर सिंह,रविंद्र सिंह,विक्रम सिंह उर्फ दीपक, अन्नू सिंह व कत्ल बहादुर सिंह निवासी बरेहठी थाना जामो के खिलाफ पुरानी रंजिश के चलते अपने बेटे मनोज ओझा की रम्मन मुबारकपुर निमंत्रण गए होने के दौरान हत्या करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। आरोपियों के खिलाफ मनोज ओझा पर लोहे की राड व अन्य हथियारों से दौड़ा-दौड़ाकर पीटने एवं कट्टे से गोली मारकर हत्या कर देने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले का ट्रायल अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय की अदालत में आरोपी शत्रुघ्न सिंह,सुरेंद्र बहादुर सिंह,विक्रम सिंह उर्फ दीपक एवं दुर्गेश सिंह के खिलाफ चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को प्रस्तुत कर आरोपियों को बेकसूर बताया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता तारकेश्वर सिंह ने अपने साक्ष्यो व तर्को को प्रस्तुत कर आरोपियों को ही घटना का जिम्मेदार ठहराते हुए कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश अभय श्रीवास्तव ने उपलब्ध साक्ष्यो के आधार पर आरोपी दुर्गेश सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है, वहीं आरोपीगण शत्रुघन सिंह, एवं सुरेंद्र सिंह व उसके पुत्र विक्रम सिंह उर्फ दीपक को हत्या सहित अन्य आरोपों में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं कुल 1 लाख 56 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख रुपये मृतक के पिता को देने का आदेश पारित किया है।
*दूसरा मामला* बल्दीराय थाना क्षेत्र के पूरे गजराज मजरे बिरधौरा गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले रामसजीवन यादव ने अपनी बहन मीरा का विवाह फैजाबाद जिला स्थित पूरे नेमा तिलक का पुरवा थाना कुमारगंज निवासी राम बहादुर यादव के साथ संपन्न कराया था। आरोप के मुताबिक राम बहादुर यादव नशेड़ी किस्म का व्यक्ति था, जिसकी आदतों का मीरा विरोध करती थी। आरोप के मुताबिक अपने पति की आदतों से आजिज आकर मीरा अपने मायके चली आई थी और इन्हीं आदतों के चलते मीरा की मां राम बहादुर के कहने पर उसकी विदाई भी नहीं कर रही थी। अभियोगी के मुताबिक राम बहादुर मीरा की विदाई कराने के लिए 23 फरवरी 2018 को उसके घर आया था, लेकिन मीरा की माँ ने राम बहादुर की आदतों के चलते उसकी विदाई करने से मना कर दिया था, जिस पर राम बहादुर ने तीन दिन के अंदर विदाई न होने पर मार डालने की धमकी दी थी, जिसके तीन दिन बाद ही 26 फरवरी 2018 को आरोपी राम बहादुर ने अपने अज्ञात साथियों के साथ अपनी ससुराल आकर मीरा को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। इस मामले में अमर बहादुर यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ और अदालत में विचारण के दौरान बचाव पक्ष ने अपने तर्को को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया। वहीं शासकीय अधिवक्ता रंगनाथ मिश्र ने आरोपी राम बहादुर के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्यो के आधार पर उसे दोषी ठहराकर कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात एफटीसी प्रथम न्यायाधीश अंकुर शर्मा की अदालत ने आरोपी राम बहादुर यादव को पत्नी की हत्या के आरोप में दोषी करार दिया। जिसकी सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए कल यानी 24 अगस्त की तारीख तय की गई है।

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