महराजगंज।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत अपात्रों का आवास देने के मामले में एक साथ छह गांवों के प्रधानों का पॉवर सीज होने से जिले में हड़कंप मच गया है। इन गांवों में शिकायत के बाद हुई जांच के बाद जब डीएम ने स्पष्टीकरण तलब किया तो प्रधानों की ओर से असंतोषजनक जवाब मिला। स्पष्टीकरण में कुछ प्रधानों ने जांच अधिकारी की कार्रवाई को ही गैर कानूनी ठहराया था। इन जवाबों व फाइलों का परीक्षण करने के बाद प्रशासन का डंडा चला और एक साथ छह प्रधानों का पॉवर सीज कर दिया गया।
पहला मामला बृजमनगंज ब्लाक के बेलौही गांव का है। इस गांव में 35 आवासों की हुई जांच में 17 लोग अपात्र मिले हैं। इसमें उर्मिला नाम की महिला के खाते में पहली किस्त की धनराशि भेज दिया गया। परीक्षण के बाद प्रधान के दोष सिद्ध होने पर डीएम ने प्रधान मनोज कुमार के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज करते हुए डीआईओएस को जांच अधिकारी नामित किया है।