गोरखपुर में चार निजी अस्पतालों ने मरीजों से की वसूली

गोरखपुर

ब्यूरो प्रमुख – गोरखपुर

गोरखपुर; मंडलायुक्त की सख्ती के बाद शहर के चार निजी अस्पतालों ने कोविड के इलाज के नाम पर वसूल की गई अतिरिक्त धनराशि मरीजों के स्वजन को वापस कर दिया है। इन अस्पतालों ने कुल दो लाख 35 हजार 971 रुपये वापस किए हैं। मंडलायुक्त ने कहा कि यदि भविष्य में शिकायत मिली तो सभी अस्पताल प्रबंधनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अस्‍पतालों द्वारा अधिक पैसा वसूलने की शिकायत पर मंडलायुक्‍त ने बैठा दी थी जांच;
कोविड अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए शासन की ओर से दर निर्धारित की गई थी। अस्पतालों द्वारा अधिक पैसा वसूलने की शिकायत मिलने के बाद मंडलायुक्त ने इसकी जांच के लिए अपर आयुक्त न्यायिक रतिभान के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कमेटी में एडी हेल्थ डा. अरुण गर्ग, जिला सर्विलांस अधिकारी डा. एनके पांडेय एवं उपायुक्त स्टांप एवं निबंधन डा. कमलापति पांडेय शामिल हैं। कमेटी को शिकायत मिली थी कि तारामंडल बुद्ध विहार पार्ट एक स्थित आस्था मल्टीस्पेशियलिटी हास्पिटल में भर्ती अजित कुमार से 53 हजार रुपये अधिक लिए गए थे। इसी तरह सुषमा देवी से 40 हजार रुपये अधिक लिए गए। सौम्या अस्पताल रुस्तमपुर में भर्ती चंदन के स्वजन से 25 हजार रुपये, गर्ग हास्पिटल में भर्ती लालबाबू सिंह के स्वजन से 62 हजार 37 रुपये, डिग्निटी हास्पिटल में भर्ती कृष्ण कुमार गोयल से 30 हजार 332 रुपये, मयंक रंजन मिश्र के स्वजन से 35 हजार 602 रुपये अधिक लिए गए थे। इसमें से चंदन, लालबाबू सिंह एवं मयंक रंजन मिश्र का निधन हो गया था। जांच में अधिक वसूली के आरोप सही पाए गए थे और सभी अस्पतालों की ओर से संबंधित लोगों को अतिरिक्त धनराशि वापस कर दी गई है।

मरीजों के स्‍वजन से मंडलायुक्‍त ने भी की बात
मंडलायुक्त ने मरीजों के स्वजन से स्वयंं बात की है। सभी ने कार्रवाई से संतुष्टि जताई है। अस्पताल प्रबंधनों को कड़ी चेतावनी दी गई है। भविष्य में यदि कोई अस्पताल अधिक पैसा वसूलता है तो उसकी शिकायत मंडल स्तरीय कमेटी से की जा सकती है।
चार अस्‍पतालों को दी गई कठोर चेतावनी
मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी ने कहा कि चार अस्पतालों को कठोर चेतावनी दी गई है। अस्पताल प्रबंधनों ने वसूली गई अतिरिक्त धनराशि वापस कर दी है। किसी भी अस्पताल प्रबंधन को मनमानी की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि अस्पतालों द्वारा दोबारा अधिक वसूली की जाती है तो उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी अस्पताल प्रबंधन द्वारा अधिक धनराशि वसूल की जाती है तो इसकी शिकायत मंडल स्तरीय कमेटी से की जा सकती है।

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