मुंबई: बेस्ट बसों के किराए में बढ़ोतरी, आम लोगों की जेब पर पड़ेगा असर

मुंबई: बेस्ट बसों के किराए में बढ़ोतरी, आम लोगों की जेब पर पड़ेगा असर

मुंबई: शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के मुख्य साधनों में से एक बेस्ट (बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट) की बसों के किराए में बढ़ोतरी होने जा रही है। इस बदलाव के कारण मुंबई के आम नागरिकों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। अब बेस्ट की टिकट की शुरुआती कीमत 5 रुपये से बढ़कर 7 रुपये हो जाएगी, जबकि एसी बस के किराए में प्रति 10 किलोमीटर पर 3 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी। 

बेस्ट बसों के किराए में वृद्धि का कारण

बेस्ट की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए यह निर्णय लिया गया है। बेस्ट बसों से प्रतिदिन लगभग 35 लाख यात्री यात्रा करते हैं, और बस सेवा की वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने के लिए मुंबई नगर निगम प्रशासन ने टिकट की कीमत बढ़ाने का फैसला किया है। इस कदम का उद्देश्य बेस्ट की आर्थिक स्थिति को सुधारना और सेवा को बनाए रखना है, लेकिन इससे आम जनता को अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ेगा।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

बेस्ट बसों के किराए में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद, राजनीतिक हलकों में प्रतिक्रियाएं शुरू हो गई हैं। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने इस फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है। आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने बेस्ट बस किराए को बढ़ाने का निर्णय लिया है, और यह मुंबईकरों की जेब काटने का एक और तरीका है। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने हमेशा बेस्ट बस किराए को दुनिया में सबसे किफायती रखने की कोशिश की थी, जबकि 10,000 इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े के विस्तार की योजना बनाई जा रही थी। ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किराए को बढ़ाकर और बसों की संख्या कम करके मुंबईकरों को नुकसान पहुंचा रही है।

मुंबई के यात्रियों की प्रतिक्रिया

किराए में इस बढ़ोतरी के कारण मुंबई के दैनिक यात्रियों में असंतोष और निराशा है। शहर के कई स्थानों पर लोग बेस्ट बसों से ही यात्रा करते हैं, और इस निर्णय से उनके परिवहन खर्च में वृद्धि होगी। आम नागरिकों का कहना है कि पहले से ही बढ़ती महंगाई के बीच बेस्ट बस किराए में बढ़ोतरी से उन्हें अतिरिक्त वित्तीय भार उठाना पड़ेगा।

बेस्ट प्रशासन का पक्ष

बेस्ट प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय सेवा को बनाए रखने और वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए लिया गया है। बेस्ट बसें शहर में लाखों लोगों के लिए जीवनरेखा हैं, और सेवा को सुचारू रूप से चलाने के लिए आर्थिक सुधार की आवश्यकता थी। 

अब यह देखना होगा कि बेस्ट प्रशासन और मुंबई नगर निगम यात्रियों की इस निराशा को कैसे संबोधित करते हैं और क्या अन्य समाधान निकालते हैं, ताकि आम जनता पर पड़ने वाला आर्थिक भार कम किया जा सके।