उत्तर प्रदेश: कासगंज की महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर की दर्दनाक हत्या, नहर में मिला शव

कासगंज जिले में न्याय और कानून की लड़ाई लड़ने वाली महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर की दर्दनाक और रहस्यमयी हत्या ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। मोहिनी तोमर, जो जिला कोर्ट से लापता हो गई थीं, उनका शव कासगंज की एक नहर में बेहद भयावह हालत में पाया गया। इस निर्मम हत्या ने क्षेत्र में गहरी शोक और आक्रोश की लहर दौड़ा दी है।
न्याय की रक्षा करने वाली पर हमला
मोहिनी तोमर, एक बहादुर और समर्पित अधिवक्ता थीं, जो अपनी कानूनी प्रतिभा के लिए जानी जाती थीं। वह हर उस व्यक्ति के लिए खड़ी होती थीं, जिसे न्याय की तलाश थी। लेकिन दुख की बात है कि न्याय के लिए लड़ने वाली इस महिला का खुद ही इस तरह से अंत हो गया। कासगंज कोर्ट से अचानक लापता होने के बाद, पूरे जिले में उनकी तलाश शुरू की गई थी, लेकिन जब उनका शव नहर से बरामद हुआ, तो यह खबर एक झटका बनकर उभरी। मोहिनी का शव जिस हालत में पाया गया, वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर देने वाला था। उनके शरीर पर गहरे घावों के निशान थे, जो उनकी हत्या की क्रूरता की ओर इशारा करते हैं। उनका चेहरा भी बुरी तरह से विकृत था, जिससे यह साफ है कि उन्हें बर्बरता से मारा गया। इस स्थिति में मिला उनका शव न केवल पुलिस के लिए एक चुनौतीपूर्ण मामला है, बल्कि समाज के लिए भी एक गहरी चिंता का विषय है।
सवालों के घेरे में पुलिस और प्रशासन
इस हत्या ने कासगंज जिले में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक महिला अधिवक्ता, जो कानून की रक्षा के लिए समर्पित थी, आखिरकार कैसे इस प्रकार की क्रूरता का शिकार हो सकती है? पुलिस और प्रशासन की लापरवाही की ओर भी उंगलियां उठ रही हैं। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई की जाती, तो शायद मोहिनी की जान बचाई जा सकती थी।
परिवार का शोक और न्याय की मांग
मोहिनी तोमर के परिवार का दर्द शब्दों में बयां करना मुश्किल है। एक बेटी, एक बहन, और एक अधिवक्ता, जिसने न्याय की लड़ाई लड़ी, आज खुद ही न्याय की गुहार लगा रही है। उनके परिवार का कहना है कि जब तक इस निर्मम हत्या के दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी।
पुलिस की जांच और कार्रवाई
मोहिनी तोमर की हत्या ने पुलिस विभाग को भी हिला कर रख दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित जांच शुरू कर दी है। कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है, और हत्या के पीछे के मकसद को समझने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और उन्हें सख्त सजा दिलाई जाएगी।
कानून व्यवस्था पर उठते सवाल
यह घटना उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी गहरे सवाल खड़े करती है। न्याय की रक्षा करने वाले खुद ही अगर असुरक्षित हो जाएं, तो आमजन की सुरक्षा का क्या होगा? यह सवाल न केवल कासगंज, बल्कि पूरे राज्य की जनता के मन में गूंज रहा है। मोहिनी तोमर की हत्या ने समाज को हिला कर रख दिया है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि जब कानून की रक्षा करने वाले ही सुरक्षित नहीं हैं, तो न्याय की उम्मीद किससे की जाए? अब समय आ गया है कि प्रशासन और पुलिस अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लें और इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई करें। मोहिनी तोमर की मौत न केवल एक अधिवक्ता की, बल्कि न्याय के लिए लड़ने वाली एक बहादुर महिला की मौत है, और उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।