गगहा थाना क्षेत्र में फरार अभियुक्तों पर कसा शिकंजा: 82 की कार्रवाई

गगहा थाना क्षेत्र में फरार अभियुक्तों पर कसा शिकंजा: 82 की कार्रवाई

 संवाददाता __नरसिंह यादव, गोरखपुर _उत्तर प्रदेश

गोरखपुर के गगहा थाना क्षेत्र में पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे दो अभियुक्तों पर शिकंजा कसते हुए धारा 82 के तहत मुनादी की कार्रवाई की है। गगहा थाने पर पंजीकृत *मु0अ0सं0 66/2024 धारा 392, 411 भादवि* से संबंधित इन दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के प्रयास लगातार जारी थे, लेकिन अभियुक्त शनी शाही उर्फ हेमन्त शाही और पप्पू साहनी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर थे। 

शनी शाही उर्फ हेमन्त शाही, जो ग्राम अहिरौली, थाना गगहा, जनपद गोरखपुर का निवासी है, और पप्पू साहनी, जो जगतमांझा, थाना एकौना, जनपद देवरिया का निवासी है, इन दोनों अभियुक्तों पर गंभीर आरोप हैं। *धारा 392 और 411* के तहत इनके खिलाफ मामला दर्ज है, जिसमें लूट और चोरी से संबंधित अपराध शामिल हैं। दोनों अभियुक्त पिछले लंबे समय से फरार चल रहे थे, जिससे पुलिस प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया था।

गगहा थाना क्षेत्र के वरिष्ठ उप निरीक्षक श्री रवि कुमार राय ने माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में इन दोनों फरार अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 82 सीआरपीसी के तहत मुनादी की कार्रवाई की। इस प्रक्रिया के तहत अभियुक्तों के आवास पर नोटिस चस्पा किया गया और सार्वजनिक स्थानों पर उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना प्रसारित की गई। यह कदम अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी शिकंजे को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है। 

पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई का उद्देश्य यह है कि फरार अभियुक्तों को कानून के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए विवश किया जा सके। मुनादी के माध्यम से स्थानीय लोगों को भी सूचित किया गया है कि इन अभियुक्तों के बारे में कोई जानकारी मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।  गगहा थाने के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कानून से भागने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस प्रशासन ने कहा है कि ऐसे फरार अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे, और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा। यह कार्रवाई उन सभी लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो कानून से भागने का प्रयास करते हैं। गगहा थाना क्षेत्र में पुलिस की यह मुस्तैदी दिखाती है कि प्रशासन किसी भी अपराधी को छिपने का मौका नहीं देगा। अब देखना यह है कि क्या ये अभियुक्त कानून के समक्ष आत्मसमर्पण करते हैं, या फिर पुलिस को अपनी कार्रवाई और तेज करनी पड़ेगी।