कबीरदास जी न सिर्फ एक संत थे बल्कि वे एक विचारक और समाज सुधारक भी थे- डॉ गीता रानी

कबीरदास जी न सिर्फ एक संत थे बल्कि वे एक विचारक और समाज सुधारक भी थे- डॉ गीता रानी

वाराणसी- डॉ. गीता रानी सहसंयोजक श्रम प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र भाजपा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहां की महान कवि समाज सुधारक कबीर दास जी को जन्मदिन पर शत-शत नमन करती हूं।आज यानी 22जून को कबीर दास जयंती है। हर साल ज्येष्ठ माह में पूर्णिमा तिथि को संत कबीरदास जी की जयंती मनाई जाती है। संत कबीरदास भक्तिकाल के प्रमुख कवि थे। कबीरदास जी न सिर्फ एक संत थे बल्कि वे एक विचारक और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन में समाज की बुराइयों को दूर करने के लिए कई दोहे और कविताओं की रचना की। कबीरदास जी हिंदी साहित्य के ऐसे कवि थे, जिन्होंने समाज में फैले आडंबरों को अपनी लेखनी के जरिए उस पर कुठाराघात किया था। संत कबीरदास जी ने आजीवन समाज में फैली बुराइयों और अंधविश्वास की निंदा कर समाज में एकता समरसता  लाने का प्रयास किया।