दहेज प्रथा को दिया करारा जवाब: CAG अफसर ने लौटाए लाखों, सिर्फ 1 रुपया और नारियल लेकर रचाई शादी— बोले, “संस्कारी जीवनसाथी ही मेरा असली दहेज”
सहारनपुर।
समाज में दहेज की कुरीति जहां आज भी कई परिवारों पर बोझ बनकर बैठी है, वहीं सहारनपुर के एक युवा अधिकारी ने ऐसा कदम उठाया है, जिसने दहेज प्रथा के खिलाफ एक जीती-जागती मिसाल पेश की है। CAG मंत्रालय में ऑडिट ऑफिसर के पद पर कार्यरत इस अधिकारी ने अपनी शादी में सिर्फ 1 रुपया और एक नारियल का शगुन स्वीकार किया। वधु पक्ष द्वारा दिए गए लाखों रुपये के दहेज को उन्होंने साफ शब्दों में यह कहते हुए लौटा दिया कि— "मेरे लिए सबसे बड़ा दहेज एक शिक्षित, संस्कारी और समझदार जीवनसाथी है। बाकी सब दुनिया की फिजूल दिखावा है।”
उनके इस संकल्पित और साहसिक कदम की हर तरफ सराहना हो रही है। शादी समारोह में मौजूद लोगों ने इसे सिर्फ एक निर्णय नहीं, बल्कि समाज को दहेज की बेड़ियों से बाहर निकालने की दिशा में एक प्रेरणादायी संदेश बताया। परिवार और रिश्तेदार भी इस सोच से बेहद प्रभावित हुए। दूल्हे ने कहा कि शिक्षित युवाओं को आगे बढ़कर दहेज प्रथा का विरोध करना चाहिए, क्योंकि यह प्रथा आज भी कई बेटियों के लिए दुख और कर्ज का बोझ बन चुकी है। समाज में बढ़ते दिखावे, महंगे खर्चों और दहेज के दबावों के बीच यह घटना एक ताजा हवा की तरह है—
जहाँ एक अधिकारी ने साबित कर दिया कि असली प्रतिष्ठा दहेज से नहीं, बल्कि संस्कार और मानवीय मूल्य से बनती है।






