राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत आजमगढ़ में प्लास्टिक उन्मूलन और अपशिष्ट प्रबंधन पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, छात्रों ने सीखे महत्वपूर्ण समाधान
- संवाददाता- मनोज कुमार सिंह, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
आजमगढ़ में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत जिला गंगा समिति, सामाजिक वानिकी विभाग और राजकीय पॉलिटेक्निक आजमगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में नदियों के संरक्षण, प्लास्टिक उन्मूलन और अपशिष्ट प्रबंधन के महत्वपूर्ण विषय पर एक दो दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल नदियों की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना था, बल्कि छात्रों को व्यावहारिक समाधान सिखाकर उन्हें इस दिशा में सक्षम बनाना भी था।
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में राजकीय पॉलिटेक्निक के शिक्षक एवं जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक ई. कुलभूषण सिंह ने छात्रों को री-यूज सिद्धांत के तहत वेस्ट पॉलिथीन और प्लास्टिक बॉटल्स से ईको ब्रिक बनाने की तकनीक सिखाई। साथ ही, उन्होंने छात्रों को कोल्ड ड्रिंक और ग्लूकोज बॉटल्स से ड्रिप इरिगेशन किट और यूटिलिटी बॉक्स बनाना भी सिखाया। यह व्यावहारिक दृष्टिकोण न केवल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कारगर साबित हुआ, बल्कि छात्रों को पुन:उपयोग (री-यूज) की महत्ता भी समझाई। इन तकनीकों के जरिए छात्र प्लास्टिक कचरे को रचनात्मक रूप से उपयोग कर सकते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना उसका पुन: उपयोग किया जा सके।
कार्यशाला के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक उन्मूलन और अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व को और भी गहराई से समझने के लिए एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 45 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डा. रागिनी यादव, श्रीमती श्रुति सिंह, अरविंद यादव, रजनीश मिश्र, सूर्य प्रताप सिंह और नवीन नारायण सिंह जैसे प्रवक्तागण उपस्थित रहे। छात्रों ने इस प्रतियोगिता में अपने विचारों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया और नदियों की स्वच्छता के लिए प्लास्टिक उन्मूलन की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस प्रतियोगिता में प्रथम वर्ष इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग की छात्रा श्रेया प्रजापति ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। द्वितीय वर्ष इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की छात्रा संजना गोंड़ ने द्वितीय पुरस्कार और द्वितीय वर्ष सिविल इंजीनियरिंग की छात्रा खुशी प्रजापति ने तृतीय पुरस्कार जीता। इन विजेता छात्राओं को राजकीय पॉलिटेक्निक के प्रभारी प्रधानाचार्य श्री बृजेश कुमार मिश्र द्वारा मेडल और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। प्रधानाचार्य श्री मिश्र ने इस सफल आयोजन के लिए आयोजक संस्था का धन्यवाद व्यक्त करते हुए छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की।
कार्यक्रम के अंत में सभी छात्रों और शिक्षकों को गंगा शपथ दिलाई गई, जिसके माध्यम से उन्होंने नदियों की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने योगदान का संकल्प लिया। इसके पश्चात छात्रों ने वृक्षारोपण भी किया, जो पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में सामाजिक वानिकी प्रभाग, आजमगढ़ का प्रतिनिधित्व क्षेत्रीय वन अधिकारी श्री ततहीर अहमद, उप क्षेत्रीय वन अधिकारी श्री जितेंद्र नाथ त्रिपाठी, जे.आर.एफ. श्री अमित यादव, और डी.पी.ओ. जिला गंगा समिति श्री प्रखर त्रिपाठी ने किया। इन अधिकारियों ने छात्रों को प्रेरित करते हुए उन्हें नदियों की स्वच्छता और प्लास्टिक उन्मूलन के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
यह कार्यशाला न केवल छात्रों के लिए एक सीखने का अवसर बनी, बल्कि इसमें शामिल सभी लोगों ने प्लास्टिक उन्मूलन और अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व को गहराई से समझा। इस तरह के आयोजन न केवल छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी भी सिखाते हैं। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत आजमगढ़ में आयोजित यह कार्यशाला नदियों के संरक्षण और पर्यावरणीय चेतना का महत्वपूर्ण संदेश फैलाने में सफल रही।