गलत संगत का खामियाजा: बृजेश-अमन की गिरफ्तारी से परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, बेकसूर होने की लगाई गुहार
संवाददाता- नरसिंह यादव, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर/देवरिया: उत्तर प्रदेश के निहाल सिंह हत्याकांड में देवरिया पुलिस ने गगहा थाना क्षेत्र के दो युवकों बृजेश गोस्वामी (24) और अमन गिरी (24) को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की है। लेकिन आरोपियों के परिजन इसे गलत संगत और दुर्भाग्य का परिणाम बताते हुए अपने बेटों को निर्दोष ठहरा रहे हैं।
बृजेश गोस्वामी: एक आर्मी जवान बनने का सपना, जो बर्बाद हो गया
गगहा थाना क्षेत्र के बेलादार निवासी बृजेश गोस्वामी के पिता वीरेंद्र गोस्वामी ने Rv 9 न्यूज संवाददाता से बातचीत में बताया कि उनका बेटा पढ़ाई में होनहार था। 2019 में उसने इंडियन आर्मी की लिखित परीक्षा पास की थी और मेडिकल टेस्ट के लिए बनारस जाने की तैयारी कर रहा था। लेकिन उसी दौरान पुरानी रंजिश के कारण एक फर्जी मुकदमे में फंसाकर गगहा थाने में गिरफ्तार कर लिया गया।
बृजेश के पिता ने कहा, "मेरा बेटा गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। पुलिस की इस कार्रवाई ने उसके सपनों को बर्बाद कर दिया। इसके बाद वह मानसिक तनाव में आ गया और बुरी संगत में पड़ गया।"
बृजेश की मां का दर्द: 'घर का चूल्हा नहीं जल रहा'
बृजेश की मां, प्रभावती देवी, बिलखते हुए कहती हैं, "पिछले चार-पांच सालों में बेटा बुरी संगत में फंस गया, लेकिन हत्या के मामले में वह निर्दोष है। घटना के समय वह दिल्ली में था। पुलिस ने उसे दिल्ली से उठाकर मुठभेड़ दिखा दी।" उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है।
अमन गिरी: सूरत में नौकरी और लव मैरिज, अब गैंगस्टर का ठप्पा
गगहा के कहला गांव निवासी अमन गिरी के परिजन भी पुलिस की कार्रवाई से सहमे हुए हैं। अमन की दादी रमावती ने बताया कि अमन सूरत में कपड़े की फैक्ट्री में नौकरी करता था और एक साल पहले लव मैरिज की थी। वह 2022 के बाद गांव नहीं लौटा।
दादी कहती हैं, "गांव के लोग अब हमसे कतराने लगे हैं। तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। हमारी आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है, और अब पुलिस कार्रवाई का डर हमें चैन से जीने नहीं दे रहा।"
पुलिस का दावा: अपराधियों का अंत जरूरी
देवरिया पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपी न केवल निहाल सिंह हत्याकांड में शामिल थे, बल्कि अन्य आपराधिक मामलों में भी संलिप्त हैं। मुठभेड़ में उन्हें पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया गया।
परिवारों का दर्द: बुरी संगत ने छीना सुख-चैन
बृजेश और अमन के परिवारों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते उन्हें सुधारने की कोशिश की होती तो आज वे अपराध के रास्ते पर नहीं होते। बृजेश के पिता का कहना है कि अगर उनका बेटा आर्मी में भर्ती हो गया होता, तो आज वह एक सम्मानित नागरिक होता, लेकिन एक फर्जी मुकदमे ने उसके जीवन को बर्बाद कर दिया।
न्याय की गुहार:
दोनों परिवारों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की अपील की है। उनका कहना है कि गलत संगत का असर जरूर था, लेकिन हत्या के मामले में उनके बेटे निर्दोष हैं।
समाज के लिए सबक:
यह मामला सिर्फ दो युवकों की कहानी नहीं है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि गलत संगत और कमजोर न्यायिक प्रक्रिया युवाओं के भविष्य को किस तरह बर्बाद कर सकती है। ऐसे में परिवार, समाज और प्रशासन को साथ मिलकर ऐसे युवाओं को सही दिशा देने की जरूरत है।
क्या यह दो परिवारों की पुकार सुनी जाएगी, या उनके आंसू अनसुने रह जाएंगे?