गोकसी मामले में पीड़ित ने जाँच अधिकारी पर शिथिलता का लगाया आरोप, सुचना देने के बाद भी आरोपिओं के खुला घूमने का किया दावा

गोकसी मामले में पीड़ित ने जाँच अधिकारी पर शिथिलता का लगाया आरोप, सुचना देने के बाद भी आरोपिओं के खुला घूमने का किया दावा

अजय  मिश्र, महराजगंज, आजमगढ़ 

 विगत महीने की 26तारीख को ग्राम पंचायत आराजी बैरिया थाना महराजगंज अंतर्गत गोकसी के मामले पीड़ित द्वारा दी गयी सूचना पर महराजगंज पुलिस के वरिष्ठ उपनिरीक्षक दल प्रताप सिंह पुलिस बल के साथ मौके पहुंचे तथा घटना की जाँच की एवं मौके पर मिले तीन गायों के सिर, पैर व खाल का पशु चिकित्सक से निरीक्षण कराया तथा नामजद चार लोगों के विरुद्ध तहरीर के आधार पर मुक़दमा भी पंजीकृत किया |पीड़ित रिजवान ने बताया कि 26 तारीख को ही अपने जाँच के दौरान वरिष्ठ उपनिरीक्षक ने मौके पर अरमान व सिधु से पूछताछ की तथा उन्हें अपने साथ ले गए एवं 27 तारीख को विधिक कार्यवाही कर उन दोंनो का चालान भी कर दिया | पीड़ित ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि चार लोगों में से दो का चालान होने के चार पांच दिन बाद ज़ब उसे पुलिस की शिथिलता की वजह से न्याय मिलता नहीं दिखा तो वह खुद घटना से सम्बन्धीत जानकारी जुटाने में जुट गया |पीड़ित ने बताया कि जानकारी लगाने पर उसे पता चला कि नामजद आरोपी इब्राहिम जिसके खेत के बगल में गोकसी कर मांस को ले जाया गया तथा सिर, पैर व खाल फेक दिया गया, उसके इशारे पर उसका लड़का मिस्टर अपने साथी आफ़ताब कुरैसी ग्राम अशरफपुर थाना जीयनपुर , मजीद ग्राम मोहम्मदपुर थाना बिलरियागंज जनपद आजमगढ़,साकिब ग्राम सोहनाग थाना बेलघाट व समीम ग्राम रौजा दरगाह थाना उरुवा जनपद गोरखपुर  निवासी तथा दो गिरफ्तार लोगों के साथ मिलकर तीनों गायों को काट कर मांस पिकअप व पल्सर बाईक पर लादकर उठा ले जाया गया|उसने बताया कि घटना में प्रयुक्त बाईक साकिब की थी |पीड़ित ने बताया कि प्राप्त जानकारी उसने जाँच पुलिस अधिकारी दल प्रताप सिंह को फोन के माध्यम से दे दी थी | पीड़ित ने जाँच अधिकारी पर शिथिलता का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके द्वारा जानकारी देने के उपरांत भी घटना कर्ता खुले आम घूम रहे है और जाँच अधिकारी जाँच की बात कह कर पीड़ित को सही जानकारी नहीं दे रहे है |पीड़ित द्वारा लगाए गए उक्त आरोप के सन्दर्भ में ज़ब मीडिया कर्मी द्वारा जाँच अधिकारी दल प्रताप से बातचीत की गयी तो उन्होंने विवेचना गोपनीय होने की बात करते हुए उनके द्वारा प्रकरण के उजागर के बाद जानकारी देने की बात कही गयी | पीड़ित का कहना है कि उक्त घटना जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है तथा उनके मवेशी उसके जीवन यापन के संसाधनों में से एक था इसलिए उसके साथ न्याय किया जाय एवं घटना कारित करने वाले सभी आरोपिओं को बक्सा न जाय |