लोकसभा आम चुनाव के चौथे चरण में 11 सीटों पर 298 उम्मीदवार मैदान में, 13 मई को होगी वोटिंग

लोकसभा आम चुनाव के चौथे चरण में 11 सीटों पर 298 उम्मीदवार मैदान में, 13 मई को होगी वोटिंग

लोकसभा आम चुनाव के चौथे चरण में महाराष्ट्र के 11 निर्वाचन क्षेत्रों में नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस चरण में कुल 369 अभ्यर्थियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए, जिनमें से 71 उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के अनुसार, अब 298 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जो अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जीत के लिए प्रयास करेंगे।

चौथे चरण में विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों की संख्या इस प्रकार है: नंदुरबार से 11, जलगांव से 14, रावेर से 24, जालना से 26, औरंगाबाद से 37, मावल से 33, पुणे से 35, शिरूर से 32, अहमदनगर से 25, शिरडी से 20, और बीड से 41। इन 11 सीटों के लिए मतदान 13 मई को होगा, जो राज्य के राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा।

इस चरण के उम्मीदवारों में राजनीतिक दलों के दिग्गजों से लेकर स्वतंत्र उम्मीदवार तक शामिल हैं। औरंगाबाद में 37 उम्मीदवारों की सूची यह दर्शाती है कि यह क्षेत्र कितना प्रतिस्पर्धी है, जबकि बीड में 41 उम्मीदवारों के साथ चुनावी माहौल गर्म होता जा रहा है।

चौथे चरण के इन निर्वाचन क्षेत्रों में जनता की आवाज़ और उनकी पसंद चुनाव के नतीजों को प्रभावित करेगी। राजनीतिक दल अपने प्रचार में जुटे हुए हैं और मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। विभिन्न उम्मीदवार अपनी चुनावी योजनाओं को जनता के सामने रख रहे हैं, और अब यह देखना बाकी है कि मतदाता किसे अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनेंगे।

यह चरण राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा, क्योंकि 11 सीटों पर होने वाले चुनाव न केवल महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देंगे, बल्कि देश की राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मतदान के दिन मतदाताओं का रुझान और उनकी प्राथमिकताएं चुनाव परिणामों में बड़ा बदलाव ला सकती हैं, जिससे यह चरण और भी रोमांचक बन जाता है। 

अब सभी की निगाहें 13 मई पर टिकी हैं, जब इन 11 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के लिए वोट डालेंगे और राज्य के भविष्य को आकार देंगे। यह चुनावी मौसम न केवल राजनीतिक दलों के लिए, बल्कि जनता के लिए भी एक महत्वपूर्ण समय है, जिसमें वे अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करेंगे और अपने प्रतिनिधियों को चुनेंगे।