अहमदाबाद में चीनी साइबर अपराधियों के जाल का भंडाफोड़: 11 गिरफ्तार, मास्टरमाइंड फरार

अहमदाबाद में चीनी साइबर अपराधियों के जाल का भंडाफोड़: 11 गिरफ्तार, मास्टरमाइंड फरार

अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो चीनी साइबर अपराधियों को फर्जी बैंक खाते मुहैया कराकर साइबर ठगी में शामिल थे। ये बैंक खाते धोखाधड़ी के जरिए खोले गए थे और इनका इस्तेमाल डिजिटल अरेस्ट, नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी, टास्क फ्रॉड और निवेश धोखाधड़ी जैसे अपराधों में किया जा रहा था।

साइबर क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के अनुसार, इन फर्जी बैंक खातों से जुड़ी 109 शिकायतें राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से चार शिकायतें गुजरात से संबंधित हैं। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (साइबर क्राइम) लवीना सिन्हा ने बताया कि इस गिरोह ने फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से बैंक खाते खोलने का काम किया, और इन खातों का उपयोग 21 राज्यों में साइबर ठगी के लिए किया गया।

अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके में हुई छापेमारी के दौरान पुलिस ने 12 मोबाइल फोन, 43 एटीएम कार्ड, 15 सिम कार्ड, 21 चेकबुक, आधार और पैन कार्ड बरामद किए। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में राजस्थान के 9 लोग शामिल हैं, जिन्होंने पूछताछ में खुलासा किया कि वे सुनील धीरानी के निर्देश पर अहमदाबाद पहुंचे थे। इस गिरोह का मास्टरमाइंड सुनील धीरानी और उसका साथी ललित बिश्नोई थे, जो आरोपियों को फर्जी आधार कार्ड बनाने और बैंक खाते खुलवाने के निर्देश देते थे।

पुलिस ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई ऐसे आधार कार्ड मिले, जिनका नंबर एक ही था, लेकिन उनके पते अलग-अलग थे, जैसे चांदखेड़ा, मोरबी और राजकोट। इसके बाद पुलिस ने जोधपुर में भी छापेमारी की और ललित बिश्नोई और कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मास्टरमाइंड सुनील धीरानी फरार हो गया है।

इस मामले में पुलिस की जांच जारी है और फरार आरोपियों की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दी जा रही है। यह घटना एक बार फिर साइबर अपराध की बढ़ती चुनौती को उजागर करती है, जो दिन-प्रतिदिन और भी जटिल होती जा रही है। समाज के सभी वर्गों को इस मुद्दे पर सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे अपराधों से बचा जा सके।