शौर्य, भक्ति और उत्सव की गूंज: शिवनेरी किले पर गूंज उठा 'शिवजन्मोत्सव'

पुणे |यश, कीर्ति और अपार शक्ति के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की 395वीं जयंती पुणे जिले के ऐतिहासिक शिवनेरी किले में भव्य हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। यह पावन अवसर श्रद्धा, उत्साह और गौरव से सराबोर रहा, जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन की भव्यता को और अधिक बढ़ा दिया।
शिवनेरी में गूंजा 'शिवपालना', महिलाओं ने निभाई ऐतिहासिक परंपरा
इस वर्ष का शिवजन्मोत्सव एक अनूठे अंदाज में मनाया गया। महिला शिवप्रेमियों ने पारंपरिक 'शिवपालना' गीत गाकर वातावरण को शिवमय कर दिया। उनकी मधुर वाणी में 'शिव जन्मला, शिव जन्मला!' की गूंज हर हृदय को छू गई। इसके बाद विभिन्न संगठनों द्वारा प्रस्तुत शिवकालीन शस्त्र प्रदर्शन ने दर्शकों को छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम की याद दिलाई।
शिवनेरी—पराक्रम की धरोहर, विश्व धरोहर की ओर
शिवनेरी किला, जहां वीर शिवबाला का जन्म हुआ, आज भी महाराज की वीरगाथा सुनाने के लिए खड़ा है। महाराष्ट्र सरकार ने इस गौरवशाली किले को युनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है। हाल ही में पर्यटन विभाग व उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक में इस ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण और पर्यटन विकास के लिए विशेष योजनाएं बनाई गईं। शिवनेरी सहित 13 किलों को विशेष पर्यटन सर्किट में विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
गौरवशाली परंपरा को नमन, शिवप्रेमियों की अपार श्रद्धा
इस भव्य आयोजन में मंत्री आशीष शेलार, विधायक अतुल बेनके, विधायक शरद सोनवणे, विधायक अमोल मटकरी सहित हजारों शिवभक्त उपस्थित रहे। शिवजन्मोत्सव समिति द्वारा समाज में शिवमय चेतना जागृत करने वाले कई लोगों को सम्मानित किया गया।
इस ऐतिहासिक अवसर ने पुनः सिद्ध किया कि छत्रपति शिवाजी महाराज केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक आदर्श, एक प्रेरणा, और एक अमर गाथा हैं, जिनका तेज युगों-युगों तक इसी भव्यता से प्रकाशित होता रहेगा।
हर हिंदवी सूरज की यही जयकार—जय भवानी, जय शिवाजी! ????????