एनएसएसटीए ने मनाया 17वां स्थापना दिवस: सांख्यिकीय उत्कृष्टता से सशक्त भारत की ओर एक और कदम
- सांख्यिकीय उत्कृष्टता के माध्यम से शासन को सशक्त बनाना - क्षमता विकास और सहयोग के 17 वर्ष
ग्रेटर नोएडा के प्रतिष्ठित महालनोबिस ऑडिटोरियम में 13 फरवरी 2025 को एक ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बना जब राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली प्रशिक्षण अकादमी (एनएसएसटीए) ने अपने 17वें स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया। यह आयोजन न केवल सांख्यिकीय प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में एनएसएसटीए की अभूतपूर्व यात्रा का जश्न था, बल्कि एक विकसित और डेटा-संचालित भारत 2047 के सपने को साकार करने की दिशा में मजबूत संकल्प का भी प्रतीक बना।
शुभारंभ: रोशनी और संगीत से सजा अविस्मरणीय क्षण
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जो ज्ञान और प्रगति का प्रतीक रहा। इसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन (बीओसी) द्वारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला संगीत वाद्ययंत्र प्रदर्शन प्रस्तुत किया गया, जिसने पूरे माहौल को संगीतमय और उल्लासपूर्ण बना दिया।
एनएसएसटीए की यात्रा: 17 वर्षों की असाधारण उपलब्धियां
अतिरिक्त महानिदेशक (सीडीडी) श्री के.बी. सुरवड़े ने एनएसएसटीए की ऐतिहासिक यात्रा को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे इस अकादमी ने पिछले 17 वर्षों में सांख्यिकीय प्रशिक्षण को नए आयाम दिए हैं और भारत सहित कई विकासशील देशों में सांख्यिकीय क्षमता को सुदृढ़ किया है।इस दौरान महानिदेशक (डीजी) श्री पी.आर. मेश्राम ने भी मंच संभाला और बताया कि एनएसएसटीए ने 2009 से अब तक 4,000 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है, जिससे गुणवत्तापूर्ण डेटा संग्रह और नीति निर्माण को मजबूत करने में इसका योगदान अतुलनीय रहा है।संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री शोम्बी शार्प ने भारत के सांख्यिकीय क्षेत्र में वैश्विक प्रभाव को रेखांकित करते हुए प्रो. पी.सी. महालनोबिस जैसे दिग्गजों की विरासत को याद किया और भारत को वैश्विक सांख्यिकीय उत्कृष्टता का केंद्र बताया।
तकनीक और नवाचार से संवारेंगे भविष्य
कार्यक्रम में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने उन्नत प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया और बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रियल-टाइम डेटा और वैकल्पिक डेटा स्रोतों के जरिए भारत की सांख्यिकीय प्रणाली को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला-स्तरीय डेटा जारी करने, आईआईटी और अन्य संस्थानों के सहयोग से अनुसंधान को बढ़ावा देने और डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म IGOT के जरिए सांख्यिकीय साक्षरता को बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
सांख्यिकीय शिक्षा और AI का समावेश – एक नई क्रांति
क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के अध्यक्ष श्री आदिल जैनुलभाई ने इस अवसर पर कहा कि AI और बिग डेटा सांख्यिकीय अनुप्रयोगों में क्रांति ला रहे हैं और सभी सिविल सेवकों को डिजिटल युग के अनुरूप प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।
इसी क्रम में एनएससी के अध्यक्ष प्रो. राजीव लक्ष्मण करंदीकर ने चेतावनी दी कि जो संस्थान आधुनिक तकनीकों को नहीं अपनाएंगे, वे अप्रासंगिक होते जाएंगे। उन्होंने AI मॉडल के उपयोग, डेटा की सटीकता और नीति निर्माण में सांख्यिकीय विश्लेषण की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया।
तकनीकी सत्र: नीति निर्माण में डेटा की निर्णायक भूमिका
कार्यक्रम का एक और मुख्य आकर्षण रहा तकनीकी सत्र, जहां रूरल डेवलपमेंट के पूर्व सचिव श्री अमरजीत सिन्हा, एनसीएईआर की डॉ. सोनलदे देसाई और सीडीटीआई जयपुर के निदेशक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने आधिकारिक सांख्यिकी के उपयोग, डेटा संग्रह और नीति निर्माण में इसकी भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।
भविष्य की दिशा: एक वैश्विक सांख्यिकीय शक्ति के रूप में भारत
एनएसएसटीए के उप महानिदेशक डॉ. जे.एस. तोमर ने सभी अतिथियों, सहयोगियों और भागीदारों को धन्यवाद दिया और भविष्य में भी सांख्यिकीय नवाचारों और अनुसंधानों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि एनएसएसटीए केवल एक संस्था नहीं, बल्कि भविष्य के डेटा-संचालित भारत की आधारशिला है।
संस्कृति और उल्लास का संगम
कार्यक्रम के समापन में एक शानदार सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें रंगारंग प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह समारोह एनएसएसटीए की निरंतरता, नवाचार और भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का उत्सव बन गया।
निष्कर्ष: डेटा-संचालित भारत की ओर बढ़ते कदम
एनएसएसटीए के 17वें स्थापना दिवस ने यह साबित कर दिया कि भारत अब सिर्फ डेटा उत्पादन ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर उत्कृष्टता स्थापित करने की ओर बढ़ रहा है। जैसे-जैसे भारत विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर अग्रसर है, सांख्यिकीविदों और नीति-निर्माताओं की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती जा रही है।
इस अवसर पर एनएसएसटीए ने अपनी सांख्यिकीय प्रशिक्षण मूल्यांकन रिपोर्ट भी जारी की, जो भविष्य के प्रशिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज साबित होगी।