गोधरा कांड का दोषी निकला शातिर गैंगस्टर! पुणे में चोरी करते हुए गिरफ्तार

गोधरा कांड का दोषी निकला शातिर गैंगस्टर! पुणे में चोरी करते हुए गिरफ्तार

पुणे: साल 2002 के गोधरा ट्रेन नरसंहार में आजीवन कारावास की सजा काट रहा 55 वर्षीय अपराधी सलीम जर्दा, जो पैरोल पर बाहर आने के बाद फरार हो गया था, आखिरकार महाराष्ट्र के पुणे जिले में गिरफ्तार कर लिया गया है। वह अपने गिरोह के साथ चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा था

पैरोल का गलत इस्तेमाल, बना चोरी का सरगना!

पुलिस के अनुसार, गोधरा ट्रेन कांड में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले 31 दोषियों में से एक सलीम जर्दा को गुजरात की जेल से 17 सितंबर 2024 को 7 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था, लेकिन वह वापस नहीं लौटा और फरार हो गया। इसके बाद उसने पुणे के ग्रामीण इलाकों में चोरी की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया

चोरी के तीन बड़े मामलों का खुलासा!

22 जनवरी को पुणे ग्रामीण पुलिस ने उसे चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान पता चला कि वह न सिर्फ पैरोल छोड़कर फरार हो गया था, बल्कि उसने अपने गिरोह के साथ कई बार गुजरात से पुणे आकर चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया

गोधरा ट्रेन कांड में था दोषी

27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के S-6 कोच में आग लगाई गई थी, जिसमें 59 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस जघन्य अपराध में सलीम जर्दा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

क्या ऐसे अपराधियों को पैरोल देना सही?

इस घटना ने एक बार फिर पैरोल सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या ऐसे अपराधियों को रियायत दी जानी चाहिए, जो बाहर आते ही फिर से अपराध की दुनिया में लौट जाते हैं?

???? आप इस पर क्या सोचते हैं? क्या ऐसे मामलों में पैरोल की सख्ती से समीक्षा होनी चाहिए? अपने विचार साझा करें!