अहमदाबाद में साइबर ठगी का महाघोटाला! 43 ATM, 21 चेकबुक, 15 फोन और 4 करोड़ की ठगी – पूरा बैंकिंग सिस्टम हिला डाला

अहमदाबाद में साइबर ठगी का महाघोटाला! 43 ATM, 21 चेकबुक, 15 फोन और 4 करोड़ की ठगी – पूरा बैंकिंग सिस्टम हिला डाला

अहमदाबाद में साइबर क्राइम ब्रांच ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गैंग का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी बैंक खातों के जरिए करोड़ों की हेराफेरी कर रहा था। चाइनीज गैंग को इंडियन बैंक अकाउंट्स उपलब्ध कराने वाले इस गिरोह के 11 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

10 दिन में 4 करोड़ का घोटाला! नकली आधार से खुले 26 बैंक अकाउंट

पुलिस जांच में सामने आया है कि इस गैंग ने फर्जी आधार कार्ड के जरिए 26 बैंक अकाउंट खोले थे, जिनका इस्तेमाल इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, टास्क फ्रॉड और टेलीग्राम फ्रॉड में किया जा रहा था। सिर्फ 10 दिनों में ही इन खातों के जरिए 4 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ।

फ्लैट से बरामद हुए 43 ATM, 21 चेकबुक, पिस्तौल और 7 कारतूस

अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके में 5 फरवरी को पुलिस ने रेड मारकर 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि 2 अपराधियों को राजस्थान से दबोचा गया। इस छापेमारी में 43 एटीएम कार्ड, 21 चेकबुक, 10 पासबुक, 15 मोबाइल फोन, 12 पैन कार्ड, 10 आधार कार्ड, 1 पिस्तौल और 7 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।

राजस्थान से जुड़े मास्टरमाइंड, चाइनीज गैंग तक ऐसे पहुंचते थे अकाउंट

पुलिस के अनुसार, इस रैकेट के मास्टरमाइंड अनिल और सुरेश बिश्नोई अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और गांव वालों को गुजरात-महाराष्ट्र लाकर, उनके नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाते थे। इसके बाद उनका आधार कार्ड अपडेट कराकर बैंक अकाउंट खुलवाया जाता था और फिर यह डीटेल्स चाइनीज साइबर ठगों को बेची जाती थी।

देशभर में 21 राज्यों में 109 मामले, हाई कोर्ट से होगी UIDAI डेटा की जांच

पुलिस ने बताया कि इस गैंग के खिलाफ देशभर के 21 राज्यों में 109 साइबर फ्रॉड केस दर्ज हैं। अब यह भी जांच की जा रही है कि फर्जी आधार कार्ड कैसे बने और इनमें बदलाव किस प्रक्रिया से हुआ। UIDAI डेटा तक पहुंचने के लिए पुलिस हाई कोर्ट की मदद लेने की तैयारी कर रही है।

हथियारों का भी अवैध कारोबार, जोधपुर जेल तक पहुंचती थी गन सप्लाई

छानबीन में यह भी सामने आया है कि इस गैंग के कुछ सदस्य मध्य प्रदेश से अवैध हथियार खरीदकर राजस्थान के अपराधियों को सप्लाई कर रहे थे। गिरफ्तार आरोपी राकेश और उपमाराम ने 25 हजार रुपये में एक पिस्तौल खरीदी थी, जिसे जोधपुर जेल में बंद JP नाम के कुख्यात अपराधी तक पहुंचाया जाना था। इससे पहले भी तीन बार हथियारों की सप्लाई हो चुकी थी।

साइबर फ्रॉड का नया मॉडल! क्या आपका बैंक अकाउंट भी सुरक्षित है?

इस घटना ने बैंकिंग सिस्टम और डिजिटल सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या आपके नाम पर भी कोई फर्जी खाता खुला हो सकता है? क्या बैंक और आधार सिस्टम में ऐसे गैंग सेंध लगा सकते हैं? अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच इस मामले की तह तक जाने में जुटी है, लेकिन यह घटना देशभर के बैंकिंग सिस्टम के लिए एक बड़ा अलार्म साबित हो रही है।