वन्यजीव स्वास्थ्य नीति पर सीजेजीए कार्यशाला: हितधारकों से परामर्श

वन्यजीव स्वास्थ्य नीति पर सीजेजीए कार्यशाला: हितधारकों से परामर्श

पर्यावरणवन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी)  के तत्वावधान में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने आज इंदिरा पर्यावरण भवननई दिल्ली में 'राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य नीति' के विकास को लेकर एक परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया।

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स्वस्थ वन्यजीव आबादी जैव विविधता के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक कल्याण को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। वन्यजीव विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी खतरों का सामना करते हैंजैसे संक्रामक रोगआवास का न रहनाजलवायु संबंधित आपदाएंअवैध गतिविधियां और अन्य। इस संबंध मेंएक साझा और आपस में जुड़े हुए पर्यावरण के अंग  के रूप में पारिस्थितिकीमानव और पशु स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुएविज्ञान-आधारित वन्यजीव स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखना महत्वपूर्ण है।

प्रस्तावित 'राष्ट्रीय वन्यजीव स्वास्थ्य नीतिका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य और घरेलू पशु स्वास्थ्य प्रबंधन क्षेत्रों को एकीकृत करते हुए वन्यजीव आबादी की सुरक्षा के लिए एक व्यापक ढांचा स्थापित करना है। यह पालतू और मुक्त रूप से विचरण करने वाले जंगली जानवरों के स्वास्थ्य के महत्व को जानती हैजो संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता को सीधे प्रभावित करते हैं। यह नीति निगरानीअनुसंधान और विकासडेटा आर्किटेक्चरक्षमता विकासकानूनी ढांचे और अपेक्षित परिणामों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक संसाधन के आवंटन के लिए मार्ग बनाते हुए संरचित तंत्र विकसित करेगी।

नीति निर्माण वन्यजीव क्षेत्रों के सभी डोमेन जैसे सरकारी विभागोंगैर-सरकारी संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञों को एक साथ लायी है। नीति विकास प्रक्रिया को जीआईएसई हबआईआईटी बॉम्बे और भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा सहयोग दिया जा रहा है।

 

परामर्श कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में श्री जितेंद्र कुमारमहानिदेशक वन और विशेष सचिव (डीजीएफ एंड एसएस)एमओईएफ एंड सीसीश्री सुशील कुमार अवस्थीअतिरिक्त महानिदेशक (वन्यजीव)एमओईएफ एंड सीसीश्री अंजन कुमार मोहंतीअतिरिक्त महानिदेशक (वन संरक्षण)एमओईएफ एंड सीसीडॉ. गोबिंद सागर भारद्वाजअतिरिक्त महानिदेशक (प्रोजेक्ट टाइगर एंड एलीफैंट) और सदस्य सचिवराष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए)डॉ. अभिजीत मित्रापशुपालन आयुक्तपशुपालन एवं डेयरी विभाग और डॉ. संजय कुमार शुक्लासदस्य सचिवकेंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरणएमओईएफ एंड सीसी ने अपनी उपस्थिति से शोभा बढ़ाई।

परामर्श कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों में सरकारी मंत्रालयों/विभागोंगैर-सरकारी संगठनोंशैक्षणिक संस्थानोंप्राणी उद्यानोंपशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों और राज्यों के वन विभाग शामिल थे।