कश्मीर से कंधमाल तक ठंड, बर्फीली हवाओं से पारा गिरा
- दिसंबर की सर्दी ने बढ़ाई ठंड का कहर, कश्मीर से राजस्थान तक शीतलहर की चपेट में लाखों लोग; कश्मीर में रिकॉर्ड 2.20 करोड़ पर्यटकों की आमद
जैसे-जैसे दिसंबर का महीना गुजरता जा रहा है, भारत के विभिन्न हिस्सों में ठंड का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। पहाड़ी इलाकों से लेकर उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत के मैदानी क्षेत्रों में पारा लगातार गिरने के कारण सर्दी से बेहाल लोग राहत की तलाश में हैं। हिमाचल प्रदेश और कश्मीर में बर्फीली हवाओं ने तापमान को और भी निचला कर दिया है, जबकि ओडिशा और राजस्थान जैसे मैदानी इलाके भी सर्दी की चपेट में हैं।
कश्मीर में शीतलहर का प्रकोप और बर्फबारी का उत्सव
कश्मीर में शीतलहर की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। श्रीनगर में सोमवार की रात न्यूनतम तापमान माइनस 5.3 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है। घाटी के कई इलाकों में जल आपूर्ति योजनाओं और जल स्रोतों के जमने के कारण स्थानीय लोग परेशान हैं। हालांकि, गुलमर्ग में तापमान गिरने और बर्फ की चादर बिछने से सैलानियों के चेहरे खिल गए हैं। स्कीइंग जैसे शीतकालीन खेलों का आनंद लेने के लिए पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
हिमाचल प्रदेश में भी 12 जिलों में से चार जिलों में अगले दो दिनों तक शीतलहर की चेतावनी जारी की गई है। लाहौल-स्पीति जिले के ताबो में माइनस 6.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है, जबकि शिमला और कुफरी में भी तापमान 10 डिग्री से नीचे बना हुआ है।
ओडिशा और झारखंड में भी पारा गिरा
ओडिशा के 13 जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया गया है, जिनमें कंधमाल जिले का उदयगिरी 4.7 डिग्री के साथ सबसे ठंडा रहा। झारखंड में रांची समेत आठ जिलों में पारा 10 डिग्री से नीचे चला गया है। रांची में न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि मौसम विभाग ने आगामी दिनों में पारे में 3-5 डिग्री तक वृद्धि की संभावना जताई है।
राजस्थान में भी शीतलहर का असर
राजस्थान के कई हिस्सों में भीषण ठंड ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है। सोमवार की रात करौली में सबसे कम 1.3 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया, जबकि फतेहपुर, सीकर, चूरू, अलवर, गंगानगर, और पिलानी में पारा पांच डिग्री से नीचे बना हुआ है।
कश्मीर में पर्यटन का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
कश्मीर में इस साल पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। इस वर्ष जम्मू और कश्मीर में 2.20 करोड़ पर्यटकों ने यात्रा की, जो एक नया रिकॉर्ड है। यह वृद्धि बुनियादी ढांचे में सुधार, सुरक्षा और शांति बहाली के परिणामस्वरूप हुई है। विशेष रूप से 370 हटने के बाद कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इस वृद्धि में विदेशी पर्यटकों की संख्या भी उल्लेखनीय रही है, जो 64,000 को पार कर गई है।
यात्रा सुविधाओं में सुधार
कश्मीर और जम्मू में हवाई और सड़क संपर्क में सुधार ने यात्रा को और भी आसान बना दिया है। श्रीनगर-लेह राजमार्ग सहित नए सड़क नेटवर्क के निर्माण और श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की क्षमता बढ़ाने से पर्यटकों के लिए यात्रा और भी सुविधाजनक हो गई है। दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों से सीधी उड़ानें अब अधिक सुगम हो गई हैं, जिससे पर्यटकों को कश्मीर की ओर आकर्षित किया जा रहा है।
दिसंबर की सर्दी ने न केवल पहाड़ी इलाकों बल्कि समतल क्षेत्रों में भी अपनी ठंडक का अहसास करवा दिया है। जहां एक ओर बर्फबारी ने पर्यटकों को आकर्षित किया है, वहीं दूसरी ओर इस मौसम के कारण लोगों को कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में पारा और गिरने की संभावना है, जिसके चलते शीतलहर का असर और बढ़ सकता है।