खेलो इंडिया योजना के माध्यम से खेलों को प्रोत्साहन प्रदान करना
'खेलो इंडिया - राष्ट्रीय खेल विकास कार्यक्रम' को वर्ष 2016-17 में देश भर में जन भागीदारी और उत्कृष्टता को प्रोत्साहन देने के दोहरे उद्देश्यों के साथ शुरू किया गया था। इस योजना को वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक तीन वर्षों के लिए संशोधित और स्वीकृत किया गया था, और कोविड-19 अवधि के दौरान 2020-21 तक एक वर्ष के लिए अंतरिम विस्तार प्रदान किया गया था। इसे फिर से संशोधित किया गया है और 2021-22 से 2025-26 तक अतिरिक्त पाँच वर्षों के लिए बढ़ाया गया है। इस योजना में निम्नलिखित पाँच घटक शामिल हैं:
- खेल अवसंरचना का सृजन और उन्नयन
- खेल प्रतियोगिताएं और प्रतिभा विकास
- खेलो इंडिया केंद्र और खेल अकादमी
- फिट इंडिया मूवमेंट
- खेलों के माध्यम से समावेशिता को प्रोत्साहन प्रदान करना
खेलो इंडिया योजना का उद्देश्य खेल संस्कृति को प्रोत्साहन देना और देश भर में खेल उत्कृष्टता हासिल करना है। यह पूरे देश में खेलों में भागीदारी को प्रोत्साहित करता है, बच्चों और युवाओं के विकास, सामुदायिक विकास, सामाजिक एकीकरण, लैंगिक समानता, स्वस्थ जीवन शैली, राष्ट्रीय गौरव और खेल विकास से संबंधित आर्थिक अवसरों के लिए खेलों के समग्र प्रभाव का लाभ प्रदान करता है।
भारतीय खेल प्राधिकरण और अन्य मान्यता प्राप्त अकादमियों के अंतर्गत विभिन्न राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों (एनसीओई) में प्रशिक्षण ले रहे खेलो इंडिया एथलीट (केआईए) देश के खेल प्रतिभा पूल को लगातार मजबूत कर रहे हैं। पिछले दो वर्षों और चालू वर्ष में, खेलो इंडिया एथलीट (केआईए) ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में उल्लेखनीय 5939 राष्ट्रीय और 1424 अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए हैं। चीन के हांगझोउ में एशियाई खेल-2022 में, भारतीय दल में 644 एथलीट शामिल थे, जिनमें से 124 खेलो इंडिया एथलीट (केआईए) थे। इन एथलीटों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन एथलीट ने भारत के 106 में से 42 पदक जीते, जिनमें 9 स्वर्ण पदक शामिल हैं। इसके अलावा, कुल 117 एथलीटों में से 28 खेलो इंडिया एथलीट (केआईए) पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए भारतीय दल का हिस्सा हैं। केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।