‘Dad My Strength’—जिस टैटू पर पिता को था गर्व, वही बना बेटे की पहचान का निशान: दिल्ली ब्लास्ट ने उजाड़ दिया एक पूरा संसार

‘Dad My Strength’—जिस टैटू पर पिता को था गर्व, वही बना बेटे की पहचान का निशान: दिल्ली ब्लास्ट ने उजाड़ दिया एक पूरा संसार

दिल्ली | लालकिले के पास हुए भीषण ब्लास्ट ने न सिर्फ शहर की शांति को तोड़ा, बल्कि कई परिवारों की जिंदगी को भी हमेशा के लिए बदल दिया। उन्हीं में से एक नाम है — अमर कटारिया, एक युवा कारोबारी, जो अपने परिवार की मुस्कान और पिता की शान था। जब धमाका हुआ, किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि अमर जैसी मुस्कुराती ज़िंदगियां एक पल में राख में बदल जाएंगी। पहचान मुश्किल थी — चेहरा झुलस चुका था, कपड़े बिखर चुके थे। लेकिन फिर, पिता की आंखों में आंसू और सीने में दर्द के साथ जब उन्होंने बेटे के हाथ पर ‘Dad My Strength’ लिखा टैटू देखा, तो सन्नाटा और भी गहरा हो गया। वही टैटू, जो पिता के लिए बेटे के प्यार का प्रतीक था, अब उनकी पहचान का आख़िरी सबूत बन गया।

अमर कटारिया, जो दिल्ली में फार्मास्युटिकल बिज़नेस से जुड़े थे, अपने तीन साल के बेटे के लिए दुनिया के सबसे बड़े हीरो थे।
मित्र बताते हैं कि —

“वो हमेशा कहता था, मैं मेहनत इसलिए करता हूं ताकि मेरे बेटे को कभी किसी चीज़ की कमी न हो।

लेकिन अब वही नन्हा बेटा बार-बार दरवाज़े की ओर देखता है, जैसे कह रहा हो — पापा अब आएंगे न?

अमर के पिता ने टूटे स्वर में कहा —

“मुझे उस टैटू पर बहुत गर्व था... अब उसी ने मुझे मेरा बेटा लौटा दिया — पर जिस हाल में, वो मैं किसी पिता को नहीं देखना चाहता।”

दिल्ली ब्लास्ट ने न केवल निर्दोष लोगों की जान ली, बल्कि कई सपनों और हंसते-खेलते घरों को भी निगल लिया। अमर की कहानी सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि आतंकवाद के उस जहर की तस्वीर है, जो मानवता के सीने में ज़ख्म छोड़ जाती है।

अब देश पूछ रहा है —
कब तक निर्दोषों का खून सियासत की साजिशों और आतंकी मंसूबों के नीचे बहता रहेगा?
कब तक किसी पिता को अपने बेटे की पहचान उसके टैटू से करनी पड़ेगी?

अमर अब नहीं हैं, लेकिन उनके हाथ पर लिखा टैटू — ‘Dad My Strength’ — एक ऐसी पुकार बन गया है, जो हर पिता के दिल में गूंजेगी।