पश्चिम बंगाल में SIR के दौरान 14 लाख नाम हटने की तैयारी?—EC ने बताए ‘अनकलेक्टेबल’ वोटर, फॉर्म जमा करने के लिए सिर्फ़ एक हफ्ता बाकी

पश्चिम बंगाल में SIR के दौरान 14 लाख नाम हटने की तैयारी?—EC ने बताए ‘अनकलेक्टेबल’ वोटर, फॉर्म जमा करने के लिए सिर्फ़ एक हफ्ता बाकी

बंगाल में SIR प्रक्रिया के बीच बड़ा खुलासा—लाखों वोटर लिस्ट से बाहर हो सकते हैं

पश्चिम बंगाल में जारी SIR (Special Summary Revision) प्रक्रिया के बीच एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। चुनाव आयोग द्वारा की गई जांच में करीब 14 लाख फॉर्म ‘अनकलेक्टेबल’ पाए गए हैं—ऐसे फॉर्म जिन्हें जांच के दौरान सत्यापित नहीं किया जा सका। इन नामों को EC ने गैर-हाज़िर, डुप्लीकेट या मृत वोटरों की श्रेणी में रखा है। अब जब फॉर्म जमा करने की समय सीमा में सिर्फ़ एक हफ्ता बाकी है, राज्य में मतदाता सूची को लेकर भारी हलचल है।


कौन हैं ये 14 लाख ‘अनकलेक्टेबल’ वोटर? आयोग ने उठाए गंभीर सवाल

चुनाव आयोग की टीम ने पाया कि

  • कई वोटर अपने पते पर मौजूद ही नहीं मिले,

  • हजारों नाम डुप्लीकेट मिले,

  • जबकि बड़ी संख्या में लोग पहले ही मृत पाए गए।

इन्हें आयोग ने "अनकलेक्टेबल" कैटेगरी में रखा है और नियमों के अनुसार ऐसे नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं। राज्य में मतदाता सत्यापन के लिए 80,600 से अधिक BLO (Booth Level Officers) तैनात हैं, जो घर-घर जाकर फॉर्म की जांच कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, अब तक इस प्रक्रिया में तीन BLO की मौत भी हो चुकी है, जिससे इस कार्य की कठिन और दबावपूर्ण स्थितियाँ साफ समझ आती हैं।


राज्य में चिंता और सियासी सरगर्मी—एक हफ्ता बेहद अहम

जैसे-जैसे अंतिम तारीख नज़दीक आ रही है, राजनीतिक दलों की चिंता गहराने लगी है। 14 लाख नामों का हटना न केवल मतदाता संतुलन को प्रभावित कर सकता है, बल्कि कई क्षेत्रों में चुनावी गणित भी बदल सकता है। आयोग का कहना है कि— “अगर ये नाम सत्यापित नहीं हुए, तो नियमों के अनुसार उन्हें हटाना पड़ेगा।” इसी बीच हजारों लोग फॉर्म जमा करवाने और अपने दस्तावेज़ अद्यतन करने के लिए बूथों पर पहुँच रहे हैं।


निष्कर्ष: बंगाल की वोटर लिस्ट में बड़ा बदलाव संभव—आम नागरिकों के लिए जागरूक रहने का समय

पश्चिम बंगाल में जारी SIR प्रक्रिया राज्य की वोटर लिस्ट में बड़ा परिवर्तन ला सकती है। 14 लाख नामों पर तलवार लटक रही है और समय बेहद कम बचा है।

यह हर नागरिक के लिए जरूरी है कि—

  • अपना नाम सूची में दोबारा जांच लें,

  • ज़रूरी दस्तावेज़ और फ़ॉर्म समय पर जमा करें, ताकि उनका अधिकार सुरक्षित रहे। आने वाले हफ्ते में यह मुद्दा राज्य की सियासत और प्रशासन—दोनों का प्रमुख केंद्र बनने की संभावना रखता है।