गोरखपुर के लाल आदित्य बने लेफ्टिनेंट: 21 साल की उम्र में सेना में रचा इतिहास

गोरखपुर के लाल आदित्य बने लेफ्टिनेंट: 21 साल की उम्र में सेना में रचा इतिहास

संवाददाता __नरसिंह यादव, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

गोरखपुर, सिकरीगंज:
गोरखपुर जिले के पीपरसंडी गांव के आदित्य सिंह ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर पूरे इलाके का नाम रोशन कर दिया। मात्र 21 वर्ष की उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर आदित्य ने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे समाज को गर्व की अनुभूति कराई है। शनिवार को देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) की पासिंग आउट परेड में उनके माता-पिता ने गर्व से उन्हें बैच अलंकृत किया।

सेना की विरासत को किया गौरवान्वित
आदित्य सिंह का परिवार लंबे समय से भारतीय सेना की सेवा करता आ रहा है। उनके पिता सत्येंद्र सिंह वर्तमान में दिल्ली में ब्रिगेडियर के पद पर तैनात हैं, जबकि मां शिवानी सिंह शिक्षिका हैं। आदित्य के दादा राजदेव सिंह भी वर्ष 2002 में बतौर ब्रिगेडियर सेना से सेवानिवृत्त हुए थे।

बचपन से ही था देश सेवा का सपना
आदित्य ने अपनी स्कूली शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल, बोलाराम सिकंदराबाद से पूरी की। देश की सेवा का सपना संजोए आदित्य ने टीएस (Technical Entry Scheme) के माध्यम से भारतीय सैन्य अकादमी में प्रवेश पाया और कड़ी मेहनत से अपनी राह बनाई।

पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर
आदित्य की सफलता पर न केवल उनका परिवार बल्कि पूरे गांव और क्षेत्र में जश्न का माहौल है। गगहा क्षेत्र के बाबू नगवां में स्थित उनके दादा की ससुराल और आसपास के इलाके में लोगों ने आदित्य की इस उपलब्धि पर बधाई दी।

शुभकामनाओं का तांता
इस मौके पर अनिल कुमार सिंह श्रीनेत, कृष्ण कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, अभय कुमार सिंह, उद्योगपति अनिल कुमार सिंह, प्रधानाचार्य अनिल सिंह, जयप्रकाश सिंह (सेवानिवृत्त शिक्षक), भानुप्रताप सिंह, सुनील कुमार सिंह, विकास सिंह और शेषनाथ सिंह समेत कई लोगों ने आदित्य की सफलता पर खुशी जाहिर की।

युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
आदित्य की यह सफलता न केवल गोरखपुर बल्कि पूरे पूर्वांचल के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने दिखा दिया कि यदि लक्ष्य को लेकर दृढ़ संकल्प और मेहनत की जाए, तो सफलता निश्चित है।

सेना में लेफ्टिनेंट बनने का गौरव
आदित्य की इस उपलब्धि ने न केवल परिवार की सैन्य विरासत को आगे बढ़ाया है बल्कि क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी सेना में जाने का हौसला दिया है।

"हमारे लिए यह गर्व का पल है। आदित्य ने पूरे परिवार और गांव का मान बढ़ाया है।" - सत्येंद्र सिंह, पिता (ब्रिगेडियर)

देश के रक्षक: आदित्य सिंह की कहानी हर युवा को प्रेरित करती है कि मेहनत और समर्पण से हर सपना साकार हो सकता है।