बीस साल बाद दोस्तों का मिलन: शिक्षा को समाज की पहली पसंद बनाने का लिया संकल्प

बीस साल बाद दोस्तों का मिलन: शिक्षा को समाज की पहली पसंद बनाने का लिया संकल्प

गोरखपुर:
बीस वर्षों बाद मिले पुराने साथियों ने अपने पुनर्मिलन को यादगार बनाते हुए एक नई शुरुआत की। सभी ने एकसाथ शिक्षा को समाज में प्राथमिकता दिलाने और बदलाव की दिशा में कार्य करने का प्रण लिया। यह अनोखा मिलन महराजगंज, संत कबीर नगर, बस्ती, और गोरखपुर जिलों के शिक्षकों का था, जो 2004 में डायट परिसर में हुए प्रशिक्षण के दौरान पहली बार मिले थे।

दो दशकों बाद पुरानी यादें ताज़ा
वर्ष 2004 में जिले के विभिन्न ब्लॉकों से डायट परिसर में आए 80 प्रशिक्षु एक-दूसरे के लिए अजनबी थे। 30 दिनों के प्रशिक्षण के बाद जब वे अपने-अपने घरों को लौटे, तो शायद ही किसी ने सोचा था कि 20 साल बाद वे दोबारा मिल पाएंगे। उस समय न मोबाइल था, न सोशल मीडिया। जीवन की आपाधापी में वे सभी अपनी-अपनी राह पर निकल गए।

पुनर्मिलन की अनूठी पहल
इस अनोखे पुनर्मिलन का श्रेय शिक्षक अविनाश शुक्ल और उनकी टीम को जाता है। उन्होंने बताया कि वर्षों बाद पुराने साथियों को खोजने का विचार आया और इसे मूर्त रूप देने के लिए बेचन सिंह, संतोष त्रिपाठी, और प्रज्ञा सिंह ने पहल की। सोशल मीडिया और व्यक्तिगत संपर्कों के माध्यम से एक महीने के भीतर 50 से अधिक पुराने साथियों को ढूंढा गया।

भावनाओं से भरी मुलाकात
गोरखपुर के एक शैक्षिक संस्थान में आयोजित इस मिलन समारोह में 25 से अधिक शिक्षक शामिल हुए। इस मौके पर शिव कुमार धर दूबे, रमेश दूबे, रंजू पाण्डेय, सुनील शर्मा, संयोगिता पाल, स्वर्णलता सिंह, प्रमोद शर्मा, हितेन्द्र मौर्या, और राजेश गौड़ समेत दर्जनों साथियों ने अपनी भावनाओं को साझा किया।

शिक्षा को दी नई दिशा
इस मिलन के दौरान सभी ने यह संकल्प लिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षा को समाज की पहली पसंद बनाएंगे। साथ ही, बच्चों और युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करेंगे।

शिक्षा में बदलाव का सपना
इस पुनर्मिलन ने न केवल पुराने रिश्तों को एक नई ऊर्जा दी, बल्कि समाज के प्रति शिक्षकों की जिम्मेदारी को भी पुनर्परिभाषित किया। यह मिलन सिर्फ यादों का उत्सव नहीं था, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक मजबूत पहल भी थी।

एक प्रेरणा और संदेश
यह घटना यह संदेश देती है कि पुराने रिश्तों को संजोना और समाज के लिए कुछ नया करने का संकल्प लेना हमेशा संभव है। इन शिक्षकों का पुनर्मिलन उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो समाज की बेहतरी के लिए कुछ करना चाहते हैं।

समाज को उम्मीद: शिक्षा बने प्राथमिकता
क्या यह मिलन केवल यादों तक सीमित रहेगा, या यह वाकई शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने में सफल होगा? समाज के लोग इस पहल को उम्मीद और प्रेरणा के रूप में देख रहे हैं।

यह सिर्फ एक पुनर्मिलन नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की शुरुआत है।