प्रधान द्वारा अपशब्द कहने पर ग्रामीणों ने की पिटाई: पकड़पुरा प्रधान रामनारायण निषाद और समर्थकों को मिली सबक

प्रधान द्वारा अपशब्द कहने पर ग्रामीणों ने की पिटाई: पकड़पुरा प्रधान रामनारायण निषाद और समर्थकों को मिली सबक

गोला थाना क्षेत्र, धौरहरा गांव,  गोला थाना क्षेत्र के ग्राम धौरहरा में रविवार को दोपहर करीब 12:00 बजे पकड़पुरा गांव के प्रधान रामनारायण निषाद द्वारा अपशब्द कहने पर ग्रामीणों ने उन्हें बुरी तरह पीट दिया। यह घटना तब घटी जब रामनारायण निषाद अपने समर्थकों के साथ दो वाहनों में सवार होकर धौरहरा गांव पहुंचे और वहां के प्रधान प्रतिनिधि तारकेश्वर दुबे को ढूंढने लगे।

पुरानी रंजिश की वजह से बढ़ा विवाद

मिली जानकारी के अनुसार, प्रधान रामनारायण निषाद और प्रधान प्रतिनिधि तारकेश्वर दुबे के बीच पुरानी रंजिश थी। इसी रंजिश के चलते रामनारायण निषाद अपने समर्थकों के साथ धौरहरा गांव पहुंचे। जब उन्होंने प्रधान प्रतिनिधि को गांव में नहीं पाया, तो वे ग्रामीणों से उलझ गए और अपशब्दों का प्रयोग करने लगे। ग्रामीणों ने कई बार उन्हें चेतावनी दी, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया।

ग्रामीणों का गुस्सा और प्रधान की पिटाई

ग्रामीणों के धैर्य की सीमा समाप्त होने पर एक व्यक्ति के साथ हुए वाद-विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। नाराज ग्रामीणों ने रामनारायण निषाद और उनके चार सहयोगियों को बुरी तरह पीट दिया। इस दौरान, उनके सहयोगियों को एक कमरे के अंदर बंद कर ताला लगा दिया गया। रामनारायण निषाद किसी तरह मौके से भागने में सफल रहे, जबकि कई अन्य साथी घायल हो गए।

घटना की सूचना मिलते ही 112 डायल कर पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला पहुंचाया और कमरे के अंदर बंद किए गए समर्थकों को कब्जे में ले लिया। गोला पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

घायलों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला में चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, सभी घायल स्थिर हैं और उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है। पुलिस ने घायलों के बयान भी दर्ज किए हैं और घटना की पूरी तहकीकात में जुटी हुई है।

इस घटना ने धौरहरा और पकड़पुरा दोनों गांवों में सनसनी फैला दी है। ग्रामीणों के बीच तनाव का माहौल है और वे प्रधान रामनारायण निषाद के आचरण से बेहद नाराज हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान को अपनी भाषा और व्यवहार पर नियंत्रण रखना चाहिए और ऐसे विवादास्पद कार्यों से बचना चाहिए।

प्रधान द्वारा अपशब्द कहने पर ग्रामीणों की प्रतिक्रिया ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि समाज में अनुशासन और सम्मान का कितना महत्व है। प्रधान रामनारायण निषाद को इस घटना से सबक लेना चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने का प्रयास करना चाहिए। पुलिस और प्रशासन को भी इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। 

यह घटना समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि किसी भी सार्वजनिक प्रतिनिधि को अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का सम्मान करना चाहिए और समाज में सौहार्द्र और शांति बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।