विटामिन बी12 की कमी से हो सकती है लकवा की शिकायत: डॉ. एस. के. सिंह

विटामिन बी12 की कमी से हो सकती है लकवा की शिकायत: डॉ. एस. के. सिंह

गोरखपुर के विमला हॉस्पिटल में सुपर स्पेशलिस्ट न्यूरो एंड अर्थों सेंटर के डॉक्टर शत्रुधन सिंह ने बताया कि विटामिन बी12 की कमी से लकवा की शिकायत हो सकती है।

डॉक्टर सिंह ने बताया कि लकवा होने से पहले, व्यक्ति को झुनझुनी या सुन्नता महसूस हो सकती है, और प्रभावित क्षेत्र में शरीर की मांसपेशियों को नियंत्रित करना मुश्किल होता है। यहां तक कि आमतौर पर विटामिन बी12 की कमी के कारण नर्वस सिस्टम में खामियां आ सकती हैं, जिससे लकवा हो सकता है।

लकवा के होने के आम कारणों में एक है ब्रेन हैम्ब्रेज, यानी दिमाग में जाने वाली ब्लड के पाइप का फट जाना, और दूसरा है दिमाग में खून की सप्लाई करने वाले पाइप में ब्लॉकेज का आना।

डॉक्टरों के मुताबिक, लकवा के आने के तीन दिन के अंदर सुधार आना शुरू हो जाता है, और छह महीने में रिकवरी आना शुरू होती है। लेकिन इसके बाद रिकवरी की संभावना कम हो जाती है।

आमतौर पर विटामिन बी 12 की कमी के कारण  नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र में आई खामियों के कारण लकवा होता है. लेकिन आपको पता होना चाहिए है कि नसों को तंदुरुस्त रखने के लिए बहुत हद तक विटामिन बी 12 की जिम्मेदारी है ,और अगर लंबे समय तक विटामिन बी 12 की कमी हो तो लकवा होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

 लकवा मारने के आम तौर पर दो कारण माने जाते हैं, जिसमें एक कारण ब्रेन हैम्ब्रेज है यानी दिमाग में जाने वाली ब्लड का पाइप फट जाना. दूसरा कारण है कि दिमाग में खून की सप्लाई करने वाले पाइप में किसी न किसी तरह की ब्लॉकेज आ जाना. ज्यादातर मामलों में पाइप ब्लॉक होने की वजह से ये समस्या होती है.इस अवस्था में तुरंत मरीज़ का ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल चेक करना चाहिए ,यदि बीपी या शुगर लेवल हाई या लो की अवस्था में हो तो तुरंत मरीज़ को किसी नजदीकी न्यूरो सेंटर में डॉक्टर को दिखाना चाहिए इस स्टेज में मरीज़ की जान को खतरा होने की संभावना बनी रहती है,लापरवाही बिलकुल नहीं करनी चाहिए।

मरीज़ को भोजन में ठंडी चीजें जैसे- दही,चावल,केला, मठ्ठा,अमरूद,कच्ची मूली, आइस क्रीम आदि का सेवन करने से बचना चाहिए,यदि कहीं किसी की मृत्यु हुई हो तो ऐसे जगह पर और ठंडे जगह पर जाने से बचना चाहिए और मरीज़ को खुले और स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए ।

डॉक्टर्स के मुताबिक, लकवा आने के दो से तीन दिन में पेशेंट में सुधार शुरू हो जाता है, तो छह महीने में रिकवरी आना शुरू होती है। डेढ़ साल में पूरी तरह से रिकवरी आ सकती है। इस पीरियड के बाद रिकवरी आने की संभावना खत्म हो जाती है।