बेलघाट के बरला ग्राम पँचायत के प्रधान व सचिव से होगी रिकवरी
ब्यूरो प्रमुख - एन. अंसारी
गोरखपुर/बेलघाट
बेलघाट ब्लॉक के ग्राम पंचायत बरला की प्रधान, तत्कालीन सचिव, तकनीकी सहायक और लेखाकार को ग्राम पंचायत में कराए गए विकास कार्यों में अनियमितता व फर्जी तरीके से रुपये की निकासी का दोषी पाया गया है। एक शिकायत के बाद हुई मामले की जांच के बाद उपायुक्त की ओर से रिकवरी का नोटिस जारी करते बीडीओ बेलघाट को कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
भाजपा के महदेवा मंडल मंत्री, बरला निवासी उमेश कुमार कन्नौजिया ने डीएम को पत्र भेजकर बरला की प्रधान पार्वती देवी व ब्लॉक के अधिकारियों पर मनरेगा मद का दुरुपयोग, फर्जी तरीके से मिट्टी कार्य, इंटरलॉकिंग व सोक पिट(सोखता) निर्माण कराए बिना ही ग्राम पंचायत के खाते से रुपये निकालने का आरोप लगाया। इस मामले में डीएम ने टीम गठित की, जिसमें परियोजना निदेशक अनिल सिंह, एई (आरईएस) अवधेश मणि त्रिपाठी, सहायक अभियंता (डीआरडीए) बीएन सिंह व कार्यालय जिला विकास अधिकारी के लेखाधिकारी मनोज कुमार ने आरोपों की जांच की थी। सभी आरोपों को जांच टीम ने सही पाया। इसके आधार पर कार्यालय उपायुक्त (श्रम रोजगार) ने ग्राम प्रधान पार्वती देवी, तत्कालीन सचिव अच्युतानंद शर्मा, तकनीकी सहायक व लेखाकार अमरनाथ को दोषी पाते हुए चार लाख छत्तीस हजार नौ सौ उनतालीस (436939) रुपये की रिकवरी और विधिक कार्रवाई के लिए बीडीओ बेलघाट को नोटिस भेजा गया है। इस संबंध में उपायुक्त संयुक्त जिला कार्यालय समन्वयक सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि जांच में इंटरलॉकिंग, मिट्टी कार्य व सोकपिट(सोखता) निर्माण में फर्जी तरीके से सरकारी धन का गबन करने की पुष्टि हुई है। इसलिए रिकवरी का नोटिस जारी हुआ है।