रुद्रपुर में आयोजित किया गया राज योग मेडिटेशन कार्यक्रम

रुद्रपुर में आयोजित किया गया राज योग मेडिटेशन कार्यक्रम

1.       संवाददाता- अंकित पांडेय, देवरिया, उत्तर प्रदेश

रुद्रपुर, देवरिया; रुद्रपुर नगर के पुरानी बाज़ार स्थित मुन्ना भाई के आवास पर आयोजित की गई जिसमे ब्रह्मा कुमारीज शिव ज्योति भवन राजयोगा संस्था की एक नीव सितंबर माह 2023 में रखी गई है जिसमे नगर के सैकड़ों लोग राजयोगा मेडिटेशन से लाभान्वित हो रहें है| कार्यक्रम का संचालन कुशीनगर से आए ब्रह्माकुमार श्री छांगुर भाई ने किया।

कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य

श्रेष्ठ संस्कारों द्वारा श्रेष्ठ समाज का निर्माण, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माउंट आबू राजस्थान से आए राजयोगी ब्रह्म, कुमार श्री वीरेन्द्र भाई जी,कुशीनगर से आई ब्रह्मा कुमारी मीरा दीदी, बीके मयूर भाई, बीके छांगुर भाई,ऋषिकेश त्रिपाठी, रुद्रपुर के चेयरमैन प्रत्याशी महेश वर्मा,संजय वर्मा,राम सहाय यादव मंचासिन रहें।

सभी अतिथियों को रमेशचंद्र जायसवाल, बीके रीना दीदी व बीके बबलू भाई द्वारा अंगवस्त्र व माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।कार्यक्रम के संचालक छांगुर भाई द्वारा बताया गया की ब्रह्माकुमारी राजयोग में राजयोग अन्तर जगत की ओर एक यात्रा है। यह स्वयं को जानने या यूँ कहें कि पुन: पहचानने की यात्रा है। राजयोग अर्थात् अपनी भागदौड़ भरी जिन्दगी से थोड़ा समय निकालकर शान्ति से बैठकर आत्म निरीक्षण करना। इस तरह के समय निकालने से हम अपने चेतना के मर्म की ओर लौट आते हैं।

इसी क्रम में बीके रीना दीदी द्वारा बताया गया की हम गर्व है की हम उसे परमपिता परमेश्वर जगत नियंता की संतान है, हमारा शरीर एक घर है जिसमें अंधेरा है अगर इसमें आत्मदीप को जागृत कर दिया जाए तो अंधेरा खत्म हो जाएगा जो मनुष्य अज्ञानता की अंधेरे में भटकता है उसे आत्म रूपी दीप की रोशनी से खुद को पहचानने की और समझने की शक्ति प्रदान होती है और उसके सारे दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है राजयोगा मेडिटेशन में आपको सुबह 7:00 से 8:00 बजे मुरली राजयोग,मेडिटेशन,स्वस्थ जीवन पद्धति,क्रोध मुक्ति,तनाव मुक्त जीवन,मानसिक शांति कार्यशाला,खुशनुमा जीवन,जीवन जीने की कला,सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकाश आदि योग निशुल्क: सिखाए जाते हैं उन्होंने बताया कि अनाज योगा मेडिटेशन में फीस के रूप में सिर्फ आपका एक घंटा समय ही देना होगा, इस संस्था का उद्देश्य आपके व्यक्तित्व को निखारना और आपके व्यक्तित्व से आपका परिचय कराना है जिससे आप स्वयं की अमूल्य जीवन के मूल्य को जान सकें।

बीके मीरा दीदी ने अपने वक्तव्य में बताय की यह दुनिया एक मुसाफिरखाना है जहां पर अकेले आना है अकेले ही जाना है ।

उन्होंने सिकंदर का एक उदाहरण देते हुए बताया कि जब सिकंदर ने पौरुष के बल पर आक्रमण कर अनेक देशों को जीत लिया और जब वह भारत पर आक्रमण करने आया तो युद्ध में उसे एक जहरीले भाले से घायल हो गया इस घटना के एक वर्ष बाद बेबीलोन में उसकी मृत्यु हो गई। महान सिकंदर की मरते समय तीन इच्छाएं थी,

मेरे जनाजे की राह में वह बेशुमार दौलत बिछा दी जाए जो मैंने अन्य राज्यों ने जीती है जिससे लोगों को पता चले की दौलत भी मौत से नहीं बचा सकती। जब मुझे बहार जनाजे पर बहार निकाला जाए, तब मेरी दोनों हथेली को बहार रखा जाए, जिससे लोगो को पता चल सके कि इंसान खाली हाथ आता है और खाली हाथ चला जाता है।

राजयोग मेडिटेशन 

यह अनुष्ठान या मंत्रों के बिना एक ध्यान है और इसका अभ्यास कहीं भी, किसी भी समय किया जा सकता है। राजयोग ध्यान का अभ्यास 'खुली आँखों' से किया जाता है, जो ध्यान की इस पद्धति को बहुमुखी, सरल और अभ्यास में आसान बनाता है। ध्यान रोजमर्रा की चेतना से परे उस स्थान पर होने की स्थिति है, जहां से आध्यात्मिक सशक्तिकरण शुरू होता है।

इसी क्रम में माउंट आबू राजस्थान से आए राजयोगी वीरेंद्र भाई ने अपने वक्तव्य में कहा की जीवन जीने को सुख शांति से जीने के लिए चार रास्ते हैं। पहला रास्ता तन निरोगी अगर आपका तन निरोगी और फिट रहेगा तो प्रत्येक कार्य सरलता से कर सकते हैं,

 दूसरा रास्ता मन को दुरुस्त और प्रसन्न रखें,

तीसरा रास्ता धन सही रास्ते से आए जीवन में धन की बिना कोई कार्य नहीं किया जा सकता है सही रास्ते से आने वाला धन सदैव धर्म लाभ करता है और गलत रास्ते से लाया गया धन छड मात्रा में खत्म हो जाता है।

चौथा जन यदि आप व्यवहार कुशल व्यक्ति हैं तो आपके जनसंपर्क अच्छे लोगों से रहेंगे तो आपके जीवन में कोई कठिनाई नहीं होगी और आपका प्रत्येक कार्य सरलता पूर्वक संपन्न होगा। ऐश्वर्या ज्ञान जीवन को साकार बनाता है ।

राजयोग ध्यान

उदाहरण के लिए, कुछ लोग मोमबत्ती पर ध्यान केंद्रित करके ध्यान करते हैं, अन्य लोग किसी मंत्र पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि अन्य लोग प्रतिज्ञान का उपयोग करते हैं। राजयोग ध्यान आत्म चेतना का अनुभव करने के बारे में है - खुद को आध्यात्मिक प्राणियों, आत्माओं के रूप में जागरूक करना, अपनी भौतिक पहचान से स्वतंत्र होना। कार्यक्रम स्थल पर सभी सैकड़ों लाभार्थियों व अतिथियों ने पांच मिनट तक मौन धारण कर मेडिटेशन का आनंद लिया। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सभी अतिथियों व लाभार्थियों में प्रसाद वितरित की गई।

इस अवसर पर कार्यक्रम मुख्य अतिथि श्री बीके वीरेंद्र भाई जी, बीके छांगुर भाई, बीके मीरा दीदी, बीके रीना दीदी,महेश वर्मा, संजय वर्मा,रमेश चंद्र जायवाल,राम सहाय यादव,ऋषिकेश त्रिपाठी व राजयोग परिवार के सदस्य बीके बबलू भाई,बीके बबिता दीदी, बीके दिव्या दीदी सहित राजयोगा मेडिटेशन के सैकड़ों लाभार्थि मौजूद रहें।