कम्बल वाले बाबा का चमत्कार, कैसे 7 दिन में रोगों से पाएं मुक्ति, जानें सच्ची कहानियाँ!

कम्बल वाले बाबा का चमत्कार,  कैसे 7 दिन में रोगों से पाएं मुक्ति, जानें सच्ची कहानियाँ!

संवाददाता- मनोज कुमार सिंह, आजमगढ़उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद का एक छोटा-सा गांव, हरैया ब्लॉक से कुछ ही किलोमीटर दूर, जहां हर रोज़ सैकड़ों लोग उमड़ते हैं—बीमार, दर्द से परेशान, या किसी अनजानी बीमारी से जूझते लोग, सभी के चेहरों पर एक ही उम्मीद है: बाबा रंजीत जी महाराज के चमत्कारी दरबार का आश्रय। इस गांव का नाम है "चिलबिली दान चिलबिली", और यहां के निवासी कम्बल वाले रंजीत जी महाराज आज चमत्कार का पर्याय बन चुके हैं।

  •  दिव्य झार-फूंक की अद्भुत दुनिया

कम्बल वाले रंजीत जी महाराज के बारे में पहली बार सुनते ही मन में कौतूहल जगता है। आखिर ये बाबा कौन हैं? कैसे ये झार-फूंक के जरिए लकवा, पोलियो, गठिया, और अन्य असाध्य रोगों का उपचार कर रहे हैं? रंजीत जी महाराज को उनकी यह दिव्य विद्या छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित मां मातंगी धाम के पीठाधीश्वर, गुरु प्रेमा साईं महाराज से प्राप्त हुई है। यह विद्या ऐसी है कि हर कोई चमत्कार देखता है, पर इसे समझा नहीं सकता। 

बाबा के दरबार में आने वाले लोगों का मानना है कि जैसे ही वे बाबा के पास आते हैं, उनकी आधी बीमारी तो उसी पल गायब हो जाती है। झार-फूंक का यह चमत्कारी उपचार बीमार व्यक्ति को सात बार बाबा के दरबार में लाता है। पहली बार में व्यक्ति को 10 प्रतिशत आराम मिलता है, दूसरी बार 30 प्रतिशत, और सातवीं बार तक वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है। आश्चर्यजनक यह है कि यह सेवा पूरी तरह नि:शुल्क है। इस सेवा का कोई मूल्य नहीं, केवल विश्वास की कीमत है, और यही विश्वास बाबा के पास लोगों को खींचता है।

  • रोगी जो बनते हैं साक्ष्य चमत्कार का

चिलबिली के इस छोटे से गांव में हर रोज़ चमत्कार होते हैं। रौनापार निवासी प्रमोद वर्मा, जिनका शरीर 2010 में लकवाग्रस्त हो गया था, डॉक्टरों पर हजारों रुपये खर्च करने के बाद भी जब कोई समाधान नहीं मिला, तो बाबा के दरबार में आए। पहले ही झार-फूंक के बाद वे 10 प्रतिशत ठीक हो गए, और अब उनकी स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है।

उसरी गांव की सुभासिनी, जिनकी सांस फूल रही थी और जोड़ों में असहनीय दर्द था, अब बाबा की कृपा से स्वस्थ हैं। मुबारकपुर के सीताराम माली, जिनके पूरे शरीर में दर्द रहता था, अब 75 प्रतिशत स्वस्थ महसूस करते हैं। ऐसे ही सैकड़ों लोग हैं, जो बाबा के दरबार में आए, उनके झार-फूंक से स्वस्थ हुए और अब बाबा के अद्भुत चमत्कार की गवाही दे रहे हैं।

  • क्यों बढ़ रही है बाबा की लोकप्रियता?


लोगों का कहना है कि बाबा का दरबार दिव्य ऊर्जा से भरा हुआ है। जैसे ही आप दरबार में प्रवेश करते हैं, एक अद्भुत शांति और सकारात्मकता का अनुभव होता है। यहां आने वाले हर व्यक्ति को उसकी समस्या का समाधान मिलता है। यह दरबार न केवल बीमारियों का इलाज कर रहा है, बल्कि एक विश्वास और आशा का केन्द्र भी बन चुका है। बाबा के प्रति लोगों का भरोसा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। कुछ लोग इसे महज अंधविश्वास मानते हैं, लेकिन जो लोग बाबा के पास जाकर उनके चमत्कारों को देख चुके हैं, उनके लिए यह विश्वास से भी बढ़कर है। यह गांव अब चमत्कारों का स्थल बन गया है, और उत्तर प्रदेश के दूर-दूर से लोग यहां बाबा के झार-फूंक के लिए आ रहे हैं। 

  • एक नए युग का आरंभ?

"चिलबिली दान चिलबिली" का नाम अब केवल एक गांव का नाम नहीं रह गया है, यह एक अलौकिक चमत्कार का प्रतीक बन गया है। कम्बल वाले रंजीत जी महाराज के चमत्कारिक झार-फूंक के किस्से अब केवल आजमगढ़ जिले तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह चर्चा अब पूरे राज्य में फैल रही है। बाबा की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, और लोग बाबा के दरबार में पहुंचकर अपनी समस्याओं का समाधान पा रहे हैं। यह कह पाना मुश्किल है कि इस चमत्कारी दरबार की गूंज कहां तक पहुंचेगी, लेकिन एक बात तय है—कम्बल वाले रंजीत जी महाराज और उनके अलौकिक चमत्कार ने एक ऐसी लहर पैदा की है, जिसने गांव के हर कोने को विश्वास और आशा से भर दिया है।  "चिलबिली दान चिलबिली" अब वह स्थान बन चुका है, जहां लोग केवल उपचार के लिए नहीं, बल्कि एक नए युग के साक्षी बनने के लिए आ रहे हैं।