सगड़ी के लाल सत्यम बने लेफ्टिनेंट: गांव में बटी मिठाइयां, ढोल-नगाड़ों और फूलों से हुआ भव्य स्वागत

सगड़ी के लाल सत्यम बने लेफ्टिनेंट: गांव में बटी मिठाइयां, ढोल-नगाड़ों और फूलों से हुआ भव्य स्वागत

ब्यूरो प्रमुख- राधेश्याम, आजमगढ़उत्तर प्रदेश

सगड़ी तहसील के जमसर गांव के लिए 30 दिसंबर 2024 की शाम गर्व और खुशियों से भरी रही। गांव के होनहार बेटे सत्यम राय ने भारतीय थल सेना में गोरखा रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट पद पर चयनित होकर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे गांव को गर्व से भर दिया। उनके स्वागत में गांव में उत्सव का माहौल था। ढोल-नगाड़ों की गूंज और फूलों की बारिश के साथ जब सत्यम गांव पहुंचे, तो हर कोई उनका अभिवादन करने को उमड़ पड़ा।

किसान परिवार से लेफ्टिनेंट बनने का सफर

सत्यम राय का सफर प्रेरणादायक और मेहनत से भरा है। किसान पिता सर्वेश राय और गृहिणी मां विभा राय के पुत्र सत्यम ने सीमित संसाधनों के बावजूद उच्च शिक्षा और करियर में शानदार सफलता हासिल की। सत्यम ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की शिक्षा गोरखपुर के एबीसी पब्लिक स्कूल से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने बीटेक की डिग्री भी प्रथम श्रेणी में हासिल की।

सत्यम का लेफ्टिनेंट बनने का सफर तब शुरू हुआ जब उन्होंने टीजीसी (टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स) के जरिए भारतीय सेना में अपनी जगह बनाने की तैयारी शुरू की। उन्होंने देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में प्रशिक्षण प्राप्त किया और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। उनके कठिन परिश्रम और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया।

गांव में उत्सव का माहौल

शनिवार देर शाम जब सत्यम राय अपने गांव पहुंचे, तो पूरा गांव खुशी से झूम उठा। उनके स्वागत के लिए ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों की व्यवस्था की थी। फूलों की बारिश के साथ उनका स्वागत किया गया, और मिठाइयां बांटकर लोगों ने अपनी खुशी जाहिर की।

सत्यम ने इस अवसर पर कहा, "मेरी सफलता का श्रेय मेरे दादा स्वर्गीय चंद्रभान राय, माता-पिता, गुरुजनों और कठिन परिश्रम को जाता है। जीवन में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है, यदि आप उसे हासिल करने के लिए पूरी मेहनत और लगन से प्रयास करें।"

प्रेरणा का स्रोत बना सगड़ी का बेटा

सत्यम की इस उपलब्धि ने पूरे क्षेत्र को गर्व से भर दिया है। उनके पिता सर्वेश राय ने कहा, "हमें अपने बेटे पर गर्व है। उसने साबित कर दिया कि मेहनत और समर्पण से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।"

इस अवसर पर गांव के कई प्रमुख लोग मौजूद रहे, जिन्होंने सत्यम को शुभकामनाएं दीं। पूर्व भाजपा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश राय, घोसी चीनी मिल के चेयरमैन रामाश्रय राय, भाजपा नेता मनीष मिश्रा, अधिवक्ता दिनेश राय, दीपक राय और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने इस उपलब्धि की सराहना की।

युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा

सत्यम राय की कहानी न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। सत्यम ने यह साबित कर दिया कि चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, यदि आप मेहनत, समर्पण और अनुशासन के साथ अपने लक्ष्य का पीछा करें, तो कोई भी बाधा आपकी सफलता को रोक नहीं सकती।

समाज के लिए संदेश

सत्यम राय ने अपने गांव और क्षेत्र के युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, "सफलता के लिए कड़ी मेहनत और अनुशासन का कोई विकल्प नहीं है। यदि आप सच्चे मन से प्रयास करें, तो हर सपना पूरा हो सकता है।" इस उपलब्धि ने न केवल जमसर गांव बल्कि पूरे आजमगढ़ को गौरवान्वित किया है। सत्यम की सफलता ने यह दिखा दिया कि छोटे गांवों से भी बड़े सपने पूरे हो सकते हैं और देश की सेवा के लिए अपना योगदान दिया जा सकता है।