महापर्व छठ : आस्था, सूर्योपासना और लोक परंपरा का अनुपम संगम

महापर्व छठ : आस्था, सूर्योपासना और लोक परंपरा का अनुपम संगम

आज एक बार फिर भक्ति, श्रृद्धा और उल्लास से सराबोर है। घर-घर गूंज रहे हैं छठी माई के गीत, घाटों पर सज रही हैं पूजा की टोकरी, और हर ओर बस एक ही आहट — “छठ मइया आवेली...”
महापर्व छठ न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह लोकजीवन की उस अविरल धारा का प्रतीक है, जिसमें प्रकृति, परिवार और संस्कृति एक सूत्र में बंध जाते हैं।


सूर्य को अर्घ्य देने की सनातन परंपरा

छठ पर्व का आरंभ नहाय-खाय से होता है, जब व्रती शुद्धता, संयम और सात्विकता का पालन करते हुए भगवान भास्कर की उपासना की राह पर अग्रसर होते हैं। चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व केवल एक व्रत नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, परिवारिक एकता और पर्यावरण के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
शहर से लेकर गांव तक, नदियों के घाट, तालाब और पोखरे फूलों से सजाए जा चुके हैं। महिलाएँ गीतों में अपनी पीड़ा और प्रार्थना दोनों समेटे, पूरे भाव से छठी माई की आराधना में लीन हैं।

“कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…”
इन लोकगीतों की मधुर तानें आस्था को स्वर देती हैं, और वातावरण को भावनाओं से भर देती हैं।


जब डूबते और उगते सूर्य को दी जाती है अर्घ्य

छठ का सबसे भावनात्मक क्षण होता है जब व्रती जन डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह वह क्षण होता है जब पूरी धरती सुनहरी रोशनी में नहाती है, और श्रद्धालुओं की आंखों से झरते हैं आभार के आंसू।
दूसरे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर यह पर्व पूर्ण होता है — एक ऐसी परंपरा जो हजारों वर्षों से जनमानस में रची-बसी है।
इस अवसर पर घाटों पर असंख्य दीपक जल उठते हैं, गन्ना, ठेकुआ, केले और नारियल से सजी टोकरी हर घर की भक्ति का प्रतीक बन जाती है।

नगर प्रशासन और स्थानीय समितियों ने भी घाटों की सुंदर सजावट, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। हर कोई चाहता है कि यह पावन पर्व शांति, सौहार्द और स्वच्छता के साथ संपन्न हो।


छठ मइया के आशीर्वाद से जीवन में उजाला

छठ केवल सूर्य की उपासना नहीं, यह मनुष्य के भीतर के प्रकाश को जगाने का पर्व है। यह सिखाता है कि संयम में शक्ति है, सेवा में पुण्य है और आस्था में आनंद
जैसे ही व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं, मानो जीवन की हर कठिनाई पर आशा का सूरज उग जाता है।
हर घर में बजते गीत, हर चेहरे पर मुस्कान और हर मन में बस एक ही कामना —

“छठी मइया सबके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बरसाएँ…”


 विशेष संवाददाता – आर.वी.9 न्यूज़