श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव ने रूसी अध्यक्षता के तहत ब्रिक्स श्रम एवं रोजगार मंत्रिस्तरीय बैठक 2024 में भाग लिया
श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय की सचिव सुश्री सुमिता डावरा ने 9-10 सितंबर, 2024 को रूस के सोची शहर में रूसी अध्यक्षता के तहत आयोजित ब्रिक्स श्रम एवं रोज़गार मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया। इस बैठक में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका के सदस्य देशों के मंत्री/ प्रतिनिधिमंडल प्रमुखों ने भी भाग लिया। ब्रिक्स साझेदारी के नए सदस्य: मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल के मंत्री/ प्रमुख भी बैठक में शामिल हुए।
चार प्राथमिक मुद्दों पर चर्चा हुई, जो कि निम्नलिखित हैं, (i) पूरी आबादी के लिए व्यावसायिक मार्गदर्शन, कौशल प्रशिक्षण और आजीवन व्यावसायिक शिक्षा की प्रणाली का विकास (ii) प्लेटफ़ॉर्म एम्प्लॉयमेंट और इसके विनियमन की चुनौतियां (iii) श्रमिकों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ कामकाजी माहौल एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना (iv) ब्रिक्स देशों के लिए सामाजिक समर्थन का विकास।
सचिव सुश्री डावरा ने भारत सरकार द्वारा उठाए गए प्रगतिशील कदमों जैसे, भारत के युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसरों की व्यापक योजना, कौशल एवं रोज़गार के एकीकरण के लिए स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) के साथ नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल के एकीकरण, रोजगार क्षमता बढ़ाने में युवाओं और वयस्कों के प्रशिक्षण और शिक्षा में कौशल परिषदों की भूमिका और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों द्वारा कौशल पोर्टल तक पहुंच के लिए ई-श्रम की भूमिका पर प्रकाश डाला।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने जानकारी दी कि सामाजिक सुरक्षा संहिता भारत सरकार द्वारा एक लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया कदम है, जिसमें पहली बार 'गिग' और 'प्लेटफ़ॉर्म' श्रमिकों को परिभाषित किया गया है, इसके तहत उनको औपचारिक रूप दिया गया है और उन्हें अत्यंत आवश्यक सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है।
व्यावसायिक ख़तरों से जुड़े जोखिमों को कम करने और स्वस्थ कार्यबल को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया। कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत दुर्घटना बीमा को भारत में कार्यबल के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा के रूप में प्रदर्शित किया गया, जो काम पर अप्रत्याशित दुर्घटनाओं या चोटों की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है, जिसमें कार्यस्थल दुर्घटनाओं के कारण मृत्यु के मामले में, भारत की श्रम शक्ति के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक आजीविका सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा व्यय, दिव्यांगता लाभ और मुआवज़े की महत्वपूर्ण कवरेज शामिल है।
ब्रिक्स देशों के नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के मामले पर, कर्मचारी राज्य बीमा निगम और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की योजनाओं के कारण औपचारिक श्रम बल में आई शक्ति पर प्रकाश डाला गया, जिसके अंतर्गत कर्मचारी राज्य बीमा निगम अपने सदस्यों को चिकित्सा, बीमारी और अन्य लाभ प्रदान करता है; जबकि EPFO दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा कोषों में से एक है जो कि श्रमिकों को पेंशन और भविष्य निधि से संबंधित लाभ प्रदान करता है।
असंगठित क्षेत्र के 30 करोड़ श्रमिकों की वृहद् सदस्यता वाले ई-श्रम व अनौपचारिक क्षेत्र और स्व-रोज़गार श्रमिकों द्वारा सामाजिक सुरक्षा लाभों तक पहुंच के लिए इसे 'वन-स्टॉप-शॉप' के रूप में विकसित करने के भारत के दृष्टिकोण को समझाया गया।
इसके साथ ही श्रमिक कल्याण को बढ़ावा देने वाली कई महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे किफ़ायती आवास के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, कौशल विकास के माध्यम से रोज़गार क्षमता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना आदि पर प्रकाश डाला गया।
आयुष्मान भारत हेल्थकेयर कार्ड के तहत भारत के 34.7 करोड़ लोगों की प्रभावशाली कवरेज को दुनिया के सबसे बड़े सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम के रूप में भी प्रदर्शित किया गया।
वित्तीय सेवाओं तक पहुंच को प्राथमिकता देकर और कमज़ोर आबादी के लिए सुरक्षा का माहौल प्रदान करके वित्तीय समावेशन और सामाजिक कल्याण के प्रति भारत के दृष्टिकोण में उल्लेखनीय परिवर्तन पर ज़ोर डाला गया, जिसके चलते भारत सरकार ने लाखों लोगों को सशक्त बनाया है, जिससे एक समावेशी समाज को बढ़ावा मिला है। भारत द्वारा सदस्य देशों से यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का भी आग्रह किया गया कि ब्रिक्स देशों में नागरिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा एक वास्तविकता के रूप में उभरकर आए।
उपरोक्त बैठक के महत्वपूर्ण परिणामों में से एक ब्रिक्स श्रम और रोज़गार मंत्रियों की घोषणा को अपनाना था। घोषणापत्र में विकास की आवश्यकताओं, जीवन भर सीखने के लिए व्यापक रणनीतियों, व्यावसायिक मार्गदर्शन, निरंतर व्यावसायिक शिक्षा; रोज़गार सेवाओं के आधुनिकीकरण; सुरक्षित कार्य का माहौल सुनिश्चित करने; मंच कार्यकर्ताओं का कल्याण और मज़बूत सामाजिक समर्थन तंत्र को मज़बूत करने को मान्यता दी गई।