उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल: नवनीत सिंह चहल बने आजमगढ़ के नए जिलाधिकारी, 29 IAS अधिकारियों का हुआ तबादला
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़े प्रशासनिक बदलाव की घोषणा करते हुए राज्य के 13 जिलों के जिलाधिकारियों सहित कुल 29 IAS अधिकारियों का तबादला किया है। इस महत्वपूर्ण कदम के तहत, आजमगढ़ के जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज को कुशीनगर का नया डीएम नियुक्त किया गया है, जबकि उनके स्थान पर 2011 बैच के तेजतर्रार IAS अधिकारी नवनीत सिंह चहल को आजमगढ़ का नया जिलाधिकारी बनाया गया है।
नवनीत सिंह चहल मूल रूप से हरियाणा के पानीपत जिले से ताल्लुक रखते हैं और उनकी कार्यशैली में अनुशासन और प्रशासनिक क्षमता का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। उनके नेतृत्व में, आजमगढ़ में प्रशासनिक कामकाज में अधिक पारदर्शिता और जनसेवा की भावना की उम्मीद की जा रही है। उनके सोमवार को कार्यभार ग्रहण करने की संभावना है।
लखनऊ को मिला नया जिलाधिकारी, सीपी सिंह को सौंपी जिम्मेदारी
इस प्रशासनिक फेरबदल के अंतर्गत, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को भी नया जिलाधिकारी मिला है। सीपी सिंह, जिन्हें लखनऊ के नए डीएम के रूप में नियुक्त किया गया है, का प्रशासनिक अनुभव और कुशल नेतृत्व क्षमता राजधानी के लिए एक नया अध्याय लिखने की क्षमता रखता है। राजधानी में सुरक्षा, विकास, और कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर नई ऊर्जा और दिशा की उम्मीद की जा रही है।
अन्य जिलों में हुए बदलाव
इसके अलावा, निधि गुप्ता को अमरोहा का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है, जो राज्य में महिला प्रशासनिक अधिकारियों की मजबूत उपस्थिति को और सशक्त करेगा। घनश्याम मीना को हमीरपुर का डीएम नियुक्त किया गया है, जबकि दिनेश को जौनपुर की कमान सौंपी गई है। रविंद्र मंडेर को प्रयागराज का नया जिलाधिकारी बनाया गया है, जो इस बड़े जनपद की प्रशासनिक चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।
यह व्यापक प्रशासनिक फेरबदल राज्य के विकास और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। सरकार के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में सुशासन और प्रशासनिक कुशलता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
अधिकारियों के इस नए सेटअप से संबंधित क्षेत्रों में न केवल विकास कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है, बल्कि जनता के साथ प्रशासनिक जुड़ाव भी पहले से बेहतर होगा। इन तबादलों के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हर जिले में योग्य, अनुभवी और दक्ष अधिकारी तैनात हों, जो जनता की समस्याओं को न केवल समझें, बल्कि उनका त्वरित समाधान भी सुनिश्चित करें।