केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आइडियाज4लाइफ में सुझाव भेजने की समय सीमा 15 अक्टूबर 2024 तक बढ़ाई

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आइडियाज4लाइफ में सुझाव भेजने की समय सीमा 15 अक्टूबर 2024 तक बढ़ाई

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आइडियाज4लाइफ में सुझाव भेजने की समय सीमा 15 सितंबर, 2024 से बढ़ाकर 15 अक्टूबर, 2024 कर दी है। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे में आर्थिक और परितंत्र मोर्चों की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, विकसित अर्थव्यवस्थाओं को भी विकसित परितंत्र को अपनाना चाहिए। हम सभी को जिम्मेदार नागरिक के रूप में पर्यावरण के प्रति मजबूत चेतना विकसित करनी चाहिए।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने महाराष्ट्र पर्यावरण विभाग के सहयोग से आज आईआईटी बॉम्बे में अभिनव पर्यावरणीय समाधानों के प्रति उत्साह पैदा करने के लिए 'आइडियाज4लाइफका आयोजन किया। यह आयोजन छात्रोंशिक्षकों और शोधकर्ताओं को ऐसे सुझाव देने में शामिल करने की एक पहल है जो पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देते हैं। यह कार्यक्रम मुंबई और उसके बाहर के शैक्षणिक समुदाय को शामिल करने का प्रयास हैजिसमें पूरे भारत में यूजीसीएआईसीटीईआईआईटी और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी को आमंत्रित किया जाता है। इस कार्यक्रम में मुंबई के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से 1200 छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

श्री भूपेंद्र यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 05 जून, 2024 को शुरू किए गए 'एक पेड़ मां के नामअभियान के तहत आईआईटी बॉम्बे में एक पौधा लगाया।

इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने सरकार के मिशन का वर्णन किया और "आइडियाज़4लाइफ़" की थीम को समझायाजिसमें जीवन के सभी पहलुओं के परस्पर संबंध पर ज़ोर दिया गया। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि 'जीवनमें मानवीय ज़रूरतों से कहीं ज़्यादा चीजें शामिल हैं। उन्होंने सभी जीवों और पर्यावरण के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की वकालत की।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि विकास के लिए मानव-केंद्रित सोच अपर्याप्त हैइसके बजाय उन्होंने पर्यावरण के प्रति जागरूक मॉडल की वकालत की। उन्होंने बढ़ते तापमान और जैव विविधता के नुकसान जैसे विकास के प्रतिकूल प्रभावों पर प्रकाश डाला और भोजनऊर्जादवा और अन्य संसाधन प्रदान करने में प्रकृति की आवश्यक भूमिका पर जोर डाला। उन्होंने जैव विविधता के लिए पृथ्वी के एक तिहाई हिस्से को संरक्षित करने के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि लगभग 50,000 प्रजातियां मानव उपभोग में इस्तेमाल की जाती हैं। उन्होंने सतत विकास के लिए तीन आवश्यक कार्यों उपभोग की मांग में बदलावआपूर्ति प्रणालियों में सुधार और प्रभावी नीतियों को लागू करने पर भी जोर दिया।

केद्रीय मंत्री ने भारत की पर्यावरणीय उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार ने अपने अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को निर्धारित समय से नौ साल पहले हासिल कर लिया और कृषि में रासायनिक उपयोग को कम करने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड पहल शुरू की है।

केंद्रीय मंत्री ने वैश्विक खाद्य अपशिष्ट समस्या पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि 15 अरब टन खाद्यान्न प्रतिवर्ष कचरा भराव क्षेत्र में भेजा जाता है। उन्होंने शिक्षानवाचार और तकनीकी प्रगति को प्रकृति में सुधार और संरक्षण पर केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने विभिन्न कॉलेजों के छात्रों से विचार और सुझाव आमंत्रित करते हुए उनसे प्रकृति के संरक्षण और कचरे को कम करने में योगदान देने का आग्रह कियाजो अंततः विकास रणनीतियों में पर्यावरणीय संतुलन को एकीकृत करने में मदद करेगा।

इस कार्यक्रम में पर्यावरणवन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के विशेष सचिव तन्मय कुमारमहाराष्ट्र सरकार के प्रधान सचिव (पर्यावरण) प्रवीण दराडेपर्यावरणवन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अपर सचिव अमनदीप गर्ग; आईआईटी बॉम्बे के निदेशक प्रो. शिरीष बी. केदारे और पर्यावरणवन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और राज्य सरकार के विभिन्न अधिकारी शामिल हुए।

पृष्ठभूमि

आइडियाज़4लाइफ़ आइडियाथॉन में मिशन एलआईएफई- लाइफ़ के सात विषय शामिल हैं। ये हैं पानी बचाएंऊर्जा बचाएंकचरा कम करेंई-कचरा कम करेंसिंगल-यूज़ प्लास्टिक को न कहेंटिकाऊ खाद्य प्रणाली अपनाएं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।