इलाज में लापरवाही या दुर्घटना: प्रसूता की मौत पर निजी अस्पताल पर गंभीर आरोप

इलाज में लापरवाही या दुर्घटना: प्रसूता की मौत पर निजी अस्पताल पर गंभीर आरोप

संवाददाता- बजरंगी विश्वकर्मा, आजमगढ़उत्तर प्रदेश

आज़मगढ़, 22 अगस्त।

आज़मगढ़ जिले के बूढ़नपुर तहसील क्षेत्र के जलालपुर महाबलपट्टी गांव में एक हृदयविदारक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। ओमप्रकाश वर्मा की 25 वर्षीय पुत्री, खुशबू, जो हाल ही में प्रसव पीड़ा से गुजर रही थी, की इलाज के दौरान मौत हो गई। दुख और आक्रोश से भरे परिजनों ने नज़दीकी श्रेयांश अस्पताल पर गंभीर लापरवाही और गलत ऑपरेशन का आरोप लगाया है, जिससे प्रसूता की जान चली गई।

खुशबू की शादी चार साल पहले महाराजगंज कोतवाली क्षेत्र के देवारा जदीद गांव में हुई थी, लेकिन वह पिछले कुछ समय से अपने मायके में ही रह रही थी। जब उसे प्रसव पीड़ा हुई, तो परिजनों ने तुरंत उसे श्रेयांश अस्पताल में भर्ती कराया। पीड़ित परिजनों के अनुसार, डॉक्टरों ने ऑपरेशन की आवश्यकता बताई, और उनकी सहमति से यह प्रक्रिया शुरू की गई। खुशबू को ऑपरेशन के बाद सात दिनों तक अस्पताल में रखा गया और फिर दवाइयाँ देकर घर भेज दिया गया। 

हालांकि, कुछ ही दिनों बाद खुशबू की तबियत बिगड़ने लगी। उसके पूरे शरीर में सूजन आ गई और हालत गंभीर हो गई। घबराए परिजनों ने उसे फिर से उसी अस्पताल में दिखाया, जहां डॉक्टरों ने अपने हिसाब से इलाज किया, लेकिन जब सुधार नहीं हुआ, तो उसे आज़मगढ़ के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। वहां भी इलाज के बाद खुशबू की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, तो उसे लखनऊ भेजा गया। दुर्भाग्यवश, लखनऊ में इलाज के दौरान खुशबू की मौत हो गई।

परिजनों का आरोप है कि श्रेयांश अस्पताल में गलत ऑपरेशन की वजह से खुशबू की स्थिति बिगड़ी और अंततः उसकी जान चली गई। उन्होंने यह भी दावा किया कि अस्पताल बिना किसी रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहा था और वहां मरीजों का इलाज करने वाला व्यक्ति बिना किसी मेडिकल डिग्री के काम कर रहा था। 

इस मामले ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और अस्पतालों की प्रामाणिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही किसी भी परिवार के लिए असहनीय है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

जब अस्पताल संचालक से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, सीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम गठित करने की बात कही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी, और सुनिश्चित किया जाएगा कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।

खुशबू की मौत ने उसके परिवार के जीवन में अपार शोक और निराशा भर दी है। उनकी मांग है कि इस मामले में न्याय मिले और दोषियों को सजा दी जाए। इस घटना ने समाज में स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों के प्रति अविश्वास की भावना को और भी बढ़ा दिया है। ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।