मतदान: प्रजातंत्र की ऑक्सीजन, भारत की ताकत – उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

मतदान: प्रजातंत्र की ऑक्सीजन, भारत की ताकत – उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

नई दिल्ली, 5 फरवरी 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के तहत अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने लोकतंत्र में मतदान के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे "महान दान" और "प्रजातंत्र की ऑक्सीजन" करार दिया।

उन्होंने कहा, "मतदान ही लोकतंत्र की नींव है, यह सभी अधिकारों की जननी है। यदि लोकतंत्र को सशक्त, जीवंत और विकसित बनाना है, तो प्रत्येक नागरिक को अपने मत का प्रयोग विवेकपूर्ण और स्वतंत्र रूप से करना चाहिए।"

उपराष्ट्रपति ने भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की सराहना करते हुए इसे दुनिया में एक मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे पुराना, सबसे बड़ा और सबसे मजबूत लोकतंत्र है, जहां सत्ता परिवर्तन या सत्ता की स्थिरता का निर्णय सिर्फ मतदान के जरिए होता है। श्री धनखड़ ने भारतीय चुनाव प्रणाली की तकनीकी प्रगति पर भी गर्व व्यक्त किया और चुनाव आयोग द्वारा की जा रही चुनावी व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और तेज़ी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की विशेषता को याद दिलाते हुए कहा कि जब भारत आजाद हुआ, तभी से महिलाओं और पुरुषों दोनों को समान रूप से मतदान का अधिकार दिया गया, जो दुनिया के कई विकसित लोकतंत्रों में उस समय संभव नहीं था।

"मतदान प्रजातांत्रिक व्यवस्था का सबसे बड़ा उत्सव है, और हमें गर्व है कि हमारा देश इस प्रक्रिया को सरल, सुगम और तकनीकी रूप से सक्षम बना रहा है," उपराष्ट्रपति ने कहा।

भारत के हर नागरिक को उनके इस अनमोल अधिकार का प्रयोग करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि मतदान सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त करने का कर्तव्य भी है।