गोरखपुर पुलिस की बड़ी सफलता: जाली नोटों का कारोबार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 5 आरोपी गिरफ्तार, 1,03,400 रुपये के नकली नोट बरामद
संवाददाता- नरसिंह यादव, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर जिले में अपराध और अपराधियों पर सख्ती के तहत पुलिस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जाली नोटों का गोरखधंधा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में चलाए गए अभियान के अंतर्गत, पुलिस अधीक्षक दक्षिणी और क्षेत्राधिकारी बांसगांव के निर्देशन में बेलीपार थाने की टीम ने सेवई बाजार में पिकेट चेकिंग के दौरान पांच अपराधियों को एक बिना नंबर की सफेद Ertiga कार से गिरफ्तार किया। इस दौरान पुलिस ने उनके कब्जे से 1,03,400 रुपये के जाली नोट, नोट बनाने के उपकरण और मोबाइल फोन भी बरामद किए।
गिरफ्तार अभियुक्त और उनकी जानकारी
गिरफ्तार अभियुक्तों में प्रमुख आरोपी प्रशांत पांडेय के साथ-साथ अमन विश्वकर्मा, आदित्य सिंह, गोलू कन्नौजिया और गुलाम मुस्तफा शामिल हैं। इनका निवास भौवापार और नहराडाड़ी इलाके में है। इनके कब्जे से 100 रुपये के 1029 और 500 रुपये के एक जाली नोट बरामद किए गए, जिनकी कुल कीमत 1,03,400 रुपये है। साथ ही, उनके पास से नकली नोट बनाने के लिए उपयोग होने वाले प्रिंटर, लैपटॉप, इंक की बोतलें और A4 साइज़ के पेपर भी पाए गए।
घटनाक्रम और बरामदगी का विवरण
31 अक्टूबर 2024 को, बेलीपार थाना क्षेत्र के सेवई बाजार में चार पहिया वाहन में सवार ये अभियुक्त पुलिस की चेकिंग के दौरान पकड़े गए। चेकिंग में इनसे जाली नोट, प्रिंटर और अन्य सामग्री बरामद हुई। अभियुक्तों से पूछताछ करने पर खुलासा हुआ कि वे नकली नोटों का निर्माण कर स्थानीय बाजारों में सप्लाई करने की योजना बना रहे थे। प्रशांत पांडेय के अस्थायी निवास से पुलिस ने नकली नोट बनाने का अन्य सामान भी बरामद किया, जो इस अवैध कारोबार में उसकी सक्रियता की पुष्टि करता है।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास और कानूनी कार्यवाही
मुख्य आरोपी प्रशांत पांडेय का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है, जो पहले भी धारा 363, 366, और 120B के तहत मामले में संलिप्त रह चुका है। गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में अमन विश्वकर्मा, आदित्य सिंह, गोलू कन्नौजिया और गुलाम मुस्तफा भी शामिल हैं। इनके खिलाफ स्थानीय थाने में मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 319(2), 318(4), 178, 179, 180, 181 और 61(2) के तहत केस दर्ज किया गया है।
गोरखपुर पुलिस की तत्परता से अपराधियों पर सख्ती
इस गिरोह की गिरफ्तारी में बेलीपार थाना प्रभारी विशाल कुमार सिंह की टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। पुलिस बल में शामिल उपनिरीक्षक अनीश कुमार सिंह, प्रशिक्षु उपनिरीक्षक अर्पित मिश्रा, हेड कांस्टेबल लालजी पासवान और अन्य अधिकारियों की तत्परता और संकल्प की वजह से यह गिरफ्तारी संभव हुई। इस बड़ी सफलता के लिए सभी पुलिसकर्मियों की सराहना की जा रही है।
अपराध के खिलाफ जनता को संदेश
गोरखपुर पुलिस ने इस गिरफ्तारी के माध्यम से अपराधियों को यह संदेश दिया है कि जाली नोटों के निर्माण और उनके कारोबार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने जनता से भी अनुरोध किया है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। इस तरह की कार्रवाई अपराधियों के मन में कानून का भय पैदा करने और समाज में शांति बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
गोरखपुर पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल जाली नोटों के नेटवर्क को ध्वस्त किया है बल्कि समाज में सुरक्षा का माहौल भी स्थापित किया है। पुलिस के इस साहसिक प्रयास को लेकर शहर के लोग अब और सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यह कार्रवाई यह साबित करती है कि पुलिस विभाग पूरी तत्परता से नागरिकों की सुरक्षा और अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।