आजमगढ़: पिछड़ा वर्ग कल्याण की शादी अनुदान योजना में नवाचार, अब ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य
आजमगढ़: जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी चेतन सिंह ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण की ओर से गरीब पिछड़ी जातियों को दिए जाने वाले शादी अनुदान योजना में अब ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य कर दिया गया है। इस नई प्रक्रिया से योजना को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
शादी अनुदान योजना में पंजीकरण के लिए अब पिता और पुत्री दोनों के आधार कार्ड की ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी गई है। आधार का प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने के लिए आवेदकों को अपना आधार नंबर और उससे लिंक मोबाइल नंबर आवश्यक रूप से देना होगा। पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान आवेदक को ओटीपी के माध्यम से अपनी पहचान सत्यापित करनी होगी, जिससे योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया सरल और सुरक्षित हो जाएगी।
शादी अनुदान योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय आवेदक को निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक
- शादी का कार्ड
- वर और कन्या का उम्र प्रमाण पत्र
आवेदन करने के बाद प्रिंट आउट निकालकर सभी आवश्यक संलग्नकों के साथ संबंधित विकास खंड कार्यालय में जमा करना होगा। इसके बाद आवेदन को सत्यापन के लिए भेजा जाएगा और उचित सत्यापन के बाद ही अनुदान की राशि स्वीकृत की जाएगी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में पिछड़ी जाति के गरीब व्यक्तियों को, जिनकी वार्षिक आय शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में ₹1,00,000 से अधिक नहीं है, उनकी पुत्रियों की शादी के लिए ₹20,000 की अनुदान राशि दी जाएगी। यह लाभ केवल दो पुत्रियों पर ही लागू होगा और पुत्री की उम्र शादी के समय 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। दिव्यांग और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी और इसके बाद 'प्रथम आवत-प्रथम पावत' के सिद्धांत के आधार पर अनुदान दिया जाएगा।
शादी अनुदान योजना में आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य कर देने से यह सुनिश्चित होगा कि केवल योग्य और पात्र आवेदकों को ही लाभ मिले। इस बदलाव से योजना की पारदर्शिता बढ़ेगी और धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी। इसके साथ ही, आवेदन प्रक्रिया को समयबद्ध और सुव्यवस्थित किया गया है, जिससे आवेदक योजना का लाभ समय पर प्राप्त कर सकें।
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी चेतन सिंह ने सभी पात्र आवेदकों से अपील की है कि वे समय पर ऑनलाइन आवेदन करें और आवश्यक दस्तावेजों को ठीक से संलग्न करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिस वित्तीय वर्ष में शादी संपन्न होगी, उसी वर्ष में योजना का लाभ दिया जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष में शेष आवेदनों का लाभ नहीं दिया जाएगा।
यह पहल पिछड़ा वर्ग कल्याण की योजनाओं में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो तकनीकी नवाचार और पारदर्शिता के साथ समाज के सबसे निचले तबके तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का प्रयास है। ऑनलाइन प्रक्रिया से न केवल समय की बचत होगी बल्कि योजना के संचालन में भी सुगमता आएगी। इस नवाचार से गरीब और पिछड़ी जातियों के परिवारों को उनकी बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता मिल सकेगी और समाज में समानता और न्याय की दिशा में एक और कदम बढ़ाया जा सकेगा।
इस बदलाव के साथ, सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवार इस योजना का लाभ उठाएं और उनकी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और उज्जवल बना सकें।