डॉ. दसारी राधिका को ISA इस्पात सम्मेलन 2024 में ‘जेंडर डायवर्सिटी’ राष्ट्रीय पुरस्कार
नई दिल्ली में आयोजित भारतीय इस्पात सम्मेलन- 2024 में आज भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) ने प्रतिबद्धता में उत्कृष्टता प्रदर्शित करने के लिए विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र की कॉर्पोरेट इकाई आरआईएनएल की डीजीएम (एचआर) डॉ. दसारी राधिका को प्रतिष्ठित ‘लैंगिक विविधता (जेंडर डायवर्सिटी) पुरस्कार’ प्रदान किया। यह पुरस्कार इस्पात उद्योग के कई दिग्गजों की उपस्थिति में भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के पूर्व सचिव श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा ने प्रदान किया।
आरआईएनएल के सीएमडी श्री अतुल भट्ट ने डॉ. दसारी राधिका को अत्यंत प्रतिष्ठित ‘जेंडर डायवर्सिटी’ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह आरआईएनएल के लिए सही मायने में काफी गर्व का क्षण है।”
आरआईएनएल में डीजीएम (एचआर) के रूप में कार्यरत डॉ. दसारी राधिका एक अनुभवी मानव संसाधन पेशेवर हैं। अपने पूरे करियर में उन्होंने उल्लेखनीय लचीलता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है। एक ऐसे युग में जब इस्पात उद्योग महिलाओं के लिए पसंदीदा विकल्प नहीं था, डॉ. राधिका ने निर्भीकता के साथ इस पुरुष-प्रधान क्षेत्र में अपने कदम रखें, लगातार कठिनाइयों और रास्ते में आने वाले लैंगिक बाधाओं को पार किया।
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) में डॉ. दसारी राधिका के शानदार 28 साल का करियर इस्पात उद्योग में नेतृत्व और लचीलेपन का उदाहरण है। महत्वपूर्ण क्षेत्रों की जिम्मेदारी निभाने वाली उप-महाप्रबंधक (मानव संसाधन) के रूप में उन्होंने चुनौतीपूर्ण वातावरण में मानव संसाधन अभ्यासों का बीड़ा उठाया है और अपनी कई पोस्टिंग में पहली महिला मानव संसाधन प्रभारी बनी हैं। डॉ. दसारी ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों के लिए मानव संसाधन का प्रबंधन करते हुए लगातार मजबूत व करुणापूर्ण दृष्टिकोण के साथ औद्योगिक संबंधों को परिचालित किया है।
सकारात्मक कार्यस्थल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए डॉ. राधिका दासारी की प्रतिबद्धता कर्मचारी कल्याण को बढ़ावा देने, नियमित रूप से कार्यशाला बैठकें आयोजित करने और मनोवैज्ञानिक परामर्श में उनके प्रयासों के रूप में उनकी अग्रणी पहलों में स्पष्ट है, जो कि मनोविज्ञान में उनकी मास्टर डिग्री और "कार्य-जीवन संतुलन" पर पीएचडी शोध से प्रेरित है।
भारतीय इस्पात संघ ने डॉ. दसारी राधिका को ‘जेंडर डायवर्सिटी’ पुरस्कार, उनकी अनुकरणीय यात्रा व समावेशी संस्कृति बनाने, अपनेपन की भावना को बढ़ावा देने सहित समानता व निष्पक्षता को बढ़ावा देने के प्रयासों और विशेष रूप से विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में एक सच्चे नेता के तौर पर अपनी प्रतिबद्धता में उत्कृष्टता का प्रदर्शन करने के लिए प्रदान किया है।